Adani Wilmar IPO: लिस्टिंग डे पर गिरकर संभला स्टॉक, इश्यू प्राइस से 6% मजबूत, शेयर बेच दें या रखें होल्ड

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Adani Wilmar Listing Today: ब्रॉन्डेड एडिबल ऑयल और पैकेज्ड फूड बनाने वाली कंपनी अडानी विल्मर (Adani Wilmar) की बाजार में लिस्टिंग कमजोर हुई. लेकिन कुछ देर बाद ही स्टॉक में रिकवरी आ गई है. आज शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक की लिस्टिंग डिस्काउंट पर हुई है. Adani Wilmar ने इश्यू के लिए स्टॉक प्राइस 230 रुपये तय किया था, जबकि BSE पर स्टॉक 221 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ है. वहीं ट्रेडिंग में यह संभलकर 245 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यह इश्यू प्राइस से 15 रुपये या करीब 6 फीसदी ज्यादा है. यह बाजार में लिस्ट होने वाली अडानी ग्रुप की 7वीं कंपनी है. अब सवाल उठ रहा है कि नुकसान के बाद निवेशकों को क्या करना चाहिए. क्या शेयर बेच देना चाहिए या बेहतर रिटर्न के लिए लंबी अवधि तक होल्ड रखें.

लंबी अवधि के रख सकते हैं होल्ड

Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि Adani Wilmar की बात करें तो कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं. वहीं वैल्युएशन भी बेहद आकर्षक है. अगर आपने लिसिटंग गेन के लिए पैसे लगाए हैं तो 200 रुपये का स्टॉप लॉस लगाकर चलें. वहीं अगर आपका नजरिया लंबी अवधि का है तो होल्ड रखें. अगर अबतक निवेश नहीं किया है तो शेयर में गिरावट आने का इंतजार करें. यह कंपनी FMCG सेक्टर में खुद को पहले से पहचान दिला चुकी है. कंपनी ने पिछले 5 साल में मजबूत ग्रोथ भी दिखाई है.


रिस्क फैक्टर भी

ब्रोकरेज हाउस च्वॉइस ब्रोकिंग के अनुसार वर्नमेंट की अनफेवरेबल पॉलिसी और रेगुलेशन के चलते कुछ रिस्क फैक्टर भी है. इससे फूड और FMCG बिजनेस के एक्सपेंशन में कुछ दिक्कत आ सकती है. जरूरी कमोडिटी की कीमतों में उतार चढ़ाव, महंगाई और अनफेवरेबल फॉरेक्स रेट के चलते भी इंपैक्ट दिख सकता है. हालांकि ब्रोकरेज हाउस ने शेयर में आगे तेजी की उम्मीद जताते हुए सब्सक्राइब करने की सलाह दी थी. ब्रोकरेज के अनुसार एडिबल ऑयल और दूसरे फूड प्रोडक्ट के मामले में कंपनी की बाजार में स्थिति मजबूत है. रॉ मटेरियल सोर्सिंग में कंपनी की बाजार में लीडिंग पोजिशन है.


निवेशकों ने दिया था बेहतर रिस्पांस

Adani Wilmar के IPO को निवेशकों को बेहतर रिस्पांस मिला था. ओवरऑल यह इश्यू 17.37 गुना सब्सक्राइब हुआ था. इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIBs) के लिए 50 फीसदी हिस्सा रिजर्व था और यह हिस्सा ओवरआल 5.73 गुना भरा. नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए 15 फीसदी रिजर्व था और यह हिस्सा 56.30 गुना भरा था. जबकि रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया था और यह 3.92 गुना भरा. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 0.51 गुना और शेयरहोल्डर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 33.33 गुना भरा.

IPO के बारे में

Adani Wilmar ने IPO के लिए प्राइस बैंड 218-230 रुपये प्रति शेयर तय किया था. अडानी विल्मर फॉर्च्यून ब्रॉन्ड से एडिबल ऑयल और दूसरे फूड प्रोडक्ट बनाती है. इस इश्यू में ऑफर फॉर सेल (OFS) नहीं था. पहले कंपनी ने IPO का साइज 4500 करोड़ रुपये का रखा था, हालांकि बाद में इसे घटाकर 3600 करोड़ रुपये कर दिया.


(Disclaimer: यहां स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में रिस्क होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)

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