घुमारवीं बस अड्डा पर सुबह शिमला से चंबा जा रही चंबा डिपो की बस स्टार्ट नहीं हो रही थी। बस चालक सुबह 8:10 बजे चंबा जाने के लिए घुमारवीं बस अड्डा पर बस को स्टार्ट करने लगा तो काफी देर तक बस स्टार्ट नहीं हुई। चालक ने बस के परिचालक और बस स्टैंड पर मौजूद अन्य चालक परिचालकों और सवारियों से धक्का लगाने के लिए आग्रह किया।
उसके बाद सभी ने जोर लगाकर बस को राष्ट्रीय उच्च मार्ग 103 तक पहुंचाया और तब जाकर कहीं बस स्टार्ट हुई। घुमारवीं बस अड्डा पर निगम की बस को धक्का लगाकर स्टार्ट करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार निगम की बसों को धक्के से स्टार्ट किया गया है, लेकिन परिवहन निगम है कि इन बसों की खस्ता हालत को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है।
हैरतअंगेज है कि इतने लंबे रूट शिमला-चंबा पर परिवहन निगम के अधिकारियों की ओर से ऐसी बसें क्यों भेजी जा रही हैं, जो आधे रास्ते में ही हांफ जाती हैं। बेशक सरकार और मंत्री हर मंच से लोगों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे करते हैं, पर धरातल पर ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
जिसका जीता जागता उदाहरण वीरवार सुबह ही लोगों को बस को धक्का देकर स्टार्ट करने से मिल गया। वहीं, सवाल यह भी है कि अगर विभाग की लापरवाही से इस तरह की कोई बस किसी हादसे का शिकार हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।
-मैं चंबा बैठा हूं, मुझे क्या पता कि घुमारवीं में किस गाड़ी की क्या परिस्थिति है। रूट पर जो बस जाती है,वह बिल्कुल ठीक भेजी जाती है, 10 घंटे के रन के लिए निगम खराब बस नहीं भेजेगा। लेकिन यह बीएस फोर गाड़ियां हैं, कई बार इनमें इस तरह की परेशानी आ जाती है, जिसे चालक हैंडल कर लेते हैं। -राजन जंवाल, आरएम चंबा