कांस्टेबलों की ओर से जारी इस चेतावनी से पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति है। जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री बार-बार अनुशासित पुलिस बल को अनुशासन में रहने की सलाह देते हुए कहा है कि इस संबंध में गंभीरता से सोचा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर जारी खुले पत्र में जवानों की ओर से मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक दोनों से ही निवेदन किया गया है कि उन्हें वित्त सचिव से चर्चा कर मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया था और साथ में थोड़ा इंतजार करने के लिए भी कहा गया था।
जिसके पश्चात सभी जवानों ने मेस में नियमित रूप से खाना शुरू कर दिया था, परंतु आज तक इस बात को लगभग दो माह बीत चुके हैं, लेकिन इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसे निवेदक के स्थान पर 2015 से भर्ती हुए पुलिस के जवान लिखा गया है।