मंडी जिला के सलापड़ में जहरीली शराब से सात लोगों की मौत मामले का हिमाचल पुलिस ने पटाक्षेप कर दिया है। पुलिस ने इस कांड के मुख्य सरगना को कांगड़ा के पंचरुखी से 25 लाख रुपए समेत गिरफ्तार किया है। शराब की यह अवैध फैक्टरी हमीरपुर में चल रही थी। दिल्ली, कांगड़ा, जम्मू तक इसका नेटवर्क फैला हुआ था। पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां करते हुए शराब समेत फैक्टरी से मशीनें और अन्य माल बरामद किया है। पुलिस ने गौरव मिन्हास उर्फ गोरू, अवैध बॉटलिंग प्लांट के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली इमारत के मालिक प्रवीण कुमार, अवैध फैक्टरी में काम करने वाले पुष्पेंद्र और सनी और नालागढ़ से मनु और गगन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह जानकारी वर्चुअल प्रेस वार्ता के जरिए डीजीपी संजय कंुडू ने दी। साथ में एसआईटी के सभी सदस्य और पुलिस मुख्यालय के अधिकारी भी प्रेस वार्ता से जुड़े थे। डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और पड़ोसी राज्यों के जिलों में तलाशी के दौरान अवैध शराब के उत्पादन के लिए होलोग्राम, लेबल, कार्टन, इस्तेमाल की गई बोतलें, बोतल के ढक्कन और कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। अंबाला के सागर सैणी, सांबा से एके त्रिपाठी, बैजनाथ से अजय कोहली, परवाणू से अजय शर्मा व परवाणू से ही प्रकाश चंद समेत इस मामले से जुड़े अहम लोगों से पूछताछ की जा रही है। जब्त किए गए सबूतों और सामग्री की आगे जांच की जा रही है। हमीरपुर जिला में अवैध शराब की फैक्टरी चल रही थी, जिसमें राज्य के भीतर और बाहर से इनपुट और कच्चा माल मंगवाया गया था। गौरव मन्हास अवैध व्यापार का सरगना प्रतीत होता है। गौरव हमीरपुर के प्रवीण, यूपी के पुष्पेंद्र और सनी के सहयोग से हमीरपुर स्थित इस अवैध बॉटलिंग प्लांट को प्रवीण के स्वामित्व वाले भवन में चला रहा था।
इसके अलावा, मनु और गगन थाना नालागढ़ के अधिकार क्षेत्र के तहत अवैध बॉटलिंग प्लांट का भंडाफोड़ करने में उनके साथी थे। गौरव के पास कच्चे माल और तैयार अवैध शराब के लिए वितरकों और आपूर्ति शृंखला का बहुत मजबूत नेटवर्क है। संजय कुंडू ने बताया कि जहरीली शराब मामले का मुख्य संदिग्ध नरेंद्र उर्फ कालू निवासी ग्राम मलोह से पूछताछ में खुलासा किया कि अवैध शराब की खेप का मुख्य आपूर्तिकर्ता पालमपुर का एक गोरू है। इसके बाद पुलिस टीम ने गोरू के ठिकाने का पता लगाना शुरू किया और उसका स्थान जीरकपुर में पाया गया। तत्काल, पुलिस टीम को जीरकपुर भेजा गया, जिसने 21 जनवरी को एक होटल से गोरू को पकड़ लिया। गोरू की तलाशी लेने पर उसके पास से 25 लाख कैश, एसेंस, डायरी बरामद की गई। व्यापार के सरगना के रूप में गौरव मन्हास पुत्र देविंदर सिंह निवासी सिंबल खोला, पीओ टिक्कर, पंचरुखी, कांगड़ा से पूछताछ में पता चला कि गोरू हमीरपुर के प्रवीण ठाकुर की मिलीभगत से हमीरपुर में अवैध बॉटलिंग यूनिट चला रहा था। उत्पादन और पैकेजिंग के लिए कच्चा माल दिल्ली से संबंधित एक सागर सैणी से संबंधित अन्य व्यक्तियों से प्राप्त किया गया था। डीजीपी ने बताया कि अवैध बॉटलिंग यूनिट हमीरपुर में है और यह यूपी से संबंधित दो लोगांे द्वारा चलाया जा रहा था, जिसमें शराब के निर्माण के लिए सामग्री का मिश्रण किया जाता था। उक्त इकाई के लिए पानी हमीरपुर से प्राप्त किया जाता था और हमीरपुर में एक कबाड़ी से खाली बोतलें खरीदी जाती थी।
इन्होंने सुलझाया माफिया का जाल
इस माफिया के जाल को सुलझाने में मधु सूदन, आईपीएस डीआईजी (सीआर) मंडी और शालिनी अग्निहोत्री, आईपीएस एसपी मंडी, शामिल हैं। खुशाल शर्मा, आईपीएस एसपी कांगड़ा और वीरेंद्र कालिया, एचपीएस एसपी (अपराध) राज्य सीआईडी, दिग्विजय नेगी, आईपीएस अरिजीत सेन, एसपी-ऊना, मोहित चावला-एसपी बद्दी, अरविंद दिग्विजय नेगी एसपी- जो हाल ही में एनआईए से लौटे हैं, पुनीत रघु, एएसपी कांगड़ा और योगेश रोल्टा-एसडीपीओ परवाणू को एसआईटी में शामिल किया गया था।