कुपोषित व्यक्तियों में इसके फैलने की सम्भावना अधिक होती है। इससे बचने लिए खांसने व छींकती बार मुंह को कपड़े या रुमाल टिशु पेपर से अवश्य ढकें, इधर-उधर न थूकें, अपने बच्चे को बी.सी.जी. का टीका अवश्य लगवाएँ, साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। शीघ्र निदान और इलाज होने पर यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है। इसके लिए रोगी को चिकित्सक के परामर्शानुसार डॉट्स का पूरा कोर्स करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने टीबी को खत्म करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए हैं जैसे कि नैदानिक नेटवर्क का विस्तार, फ्रंटलाईन प्रतिक्रिया, उपचार का पालन, सामुदायिक भागीदारी तथा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के विशेष टीबी उन्मूलन जागरूकता अभियान व कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना आरम्भ की गई है जिसके तहत प्रत्येक टीबी रोगी को पोषण हेतु प्रतिमाह 500 रुपये दिए जा रहे हैं। इस के अतिरिक्त डीआर टीबी के मरीजों को 1500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से राशि पोषण आहार के लिए वितरित की जा रही है और वर्तमान में भी ये लाभ दिए जा रहे है।
उन्होंने आगे बताया कि जिला में बलगम के नमूनों की जांच 15 स्वास्थ्य केद्रों में मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। रीजनल आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर और आयुर्वेदिक अस्पताल कंदरौर में नये बलगम के जांच केंद्र बनाए गए हैं और कोई भी अपने बलगम की जांच करा सकता है। उन्होंने बताया कि इन सैंटरों में अत्याधुनिक तकनीक वाले माइक्रोस्कोप स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सहयोग करें, और मुफ्त इलाज पाएं तथा अपने-आप को स्वस्थ बनाएं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने टीबी को खत्म करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए हैं जैसे कि नैदानिक नेटवर्क का विस्तार, फ्रंटलाईन प्रतिक्रिया, उपचार का पालन, सामुदायिक भागीदारी तथा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के विशेष टीबी उन्मूलन जागरूकता अभियान व कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
इसी कडी में हर वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021-22 में 673 टीबी के मरीजों को साधारण टीबी की दवाई के लिए पंजीकृत किया है और इन सबका मुफ्त इलाज किया गया।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना आरम्भ की गई है जिसके तहत प्रत्येक टीबी रोगी को पोषण हेतु प्रतिमाह 500 रुपये दिए जा रहे हैं। इस के अतिरिक्त डीआर टीबी के मरीजों को 1500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से राशि पोषण आहार के लिए वितरित की जा रही है और वर्तमान में भी ये लाभ दिए जा रहे है।
उन्होंने आगे बताया कि जिला में बलगम के नमूनों की जांच 15 स्वास्थ्य केद्रों में मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। रीजनल आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर और आयुर्वेदिक अस्पताल कंदरौर में नये बलगम के जांच केंद्र बनाए गए हैं और कोई भी अपने बलगम की जांच करा सकता है। उन्होंने बताया कि इन सैंटरों में अत्याधुनिक तकनीक वाले माइक्रोस्कोप स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सहयोग करें, और मुफ्त इलाज पाएं तथा अपने-आप को स्वस्थ बनाएं।