हिमाचल : मोबाइल की रोशनी में हो रहा मरीजों का इलाज , जेनरेटर तक उपलब्ध नहीं

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मंडी: हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी के उपमंडल जोगेंद्रनगर में बिजली की आंख-मिचौली उपमंडलीय अस्पताल के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। यहां पर बिजली गुल होते ही गंभीर मरीजों को मोबाइल फोन की रोशनी से उपचार दिलाना पड़ता है। 

100 बेड वाले अस्पताल में जनरेटर तक नहीं 

यहां 100 बिस्तर वाले उपमंडलीय अस्पताल के रोगी वार्ड जेनरेटर सुविधा से महरूम हैं जिसका खामियाजा अस्पताल में दाखिल गंभीर मरीजों को लगातार भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को भी अस्पताल में अचानक बिजली गुल हो जाने से रोगी वार्ड में दाखिल मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ी। 

मरीजों को उपचार दिलाना चुनौती बना रहा। इस दौरान अस्पताल के सीसीयू में दाखिल मरीजों को उपचार दिलाने के मोबाइल फोन की रोशनी सहारा बनी, लेकिन अन्य उपकरण ठप रहे। इससे गंभीर मरीजों की जान पर जोखिम बना रहा। करीब 30 मिनट तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा। इधर, शहरी क्षेत्र में भी बिजली गुल हो जाने से उपभोक्ता ठंड से ठिठुरते रहे।

क्या कहते हैं अधिकारी

उधर, बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता अशोक धीमान ने कहा कि तकनीकी खामियों के चलते बिजली गुल हुई थी, लेकिन जल्द ही बहाल कर दिया गया था। अस्पताल प्रशासन को जेनरेटर सुविधा सभी रोगी वार्ड में उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि ऐसे हालात में मरीजों का उपचार प्रभावित न हो पाए।

वहीं, एसडीएम जोगेंद्रनगर व रोगी कल्याण सीमिति के अध्यक्ष मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन को समस्या के समाधान पर जरूरी आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि मरीजों को परेशानी न झेलनी पड़े।। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी के उपमंडल जोगेंद्रनगर में बिजली की आंख-मिचौली उपमंडलीय अस्पताल के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। यहां पर बिजली गुल होते ही गंभीर मरीजों को मोबाइल फोन की रोशनी से उपचार दिलाना पड़ता है। 

100 बेड वाले अस्पताल में जनरेटर तक नहीं 

यहां 100 बिस्तर वाले उपमंडलीय अस्पताल के रोगी वार्ड जेनरेटर सुविधा से महरूम हैं जिसका खामियाजा अस्पताल में दाखिल गंभीर मरीजों को लगातार भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को भी अस्पताल में अचानक बिजली गुल हो जाने से रोगी वार्ड में दाखिल मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ी। 

मरीजों को उपचार दिलाना चुनौती बना रहा। इस दौरान अस्पताल के सीसीयू में दाखिल मरीजों को उपचार दिलाने के मोबाइल फोन की रोशनी सहारा बनी, लेकिन अन्य उपकरण ठप रहे। इससे गंभीर मरीजों की जान पर जोखिम बना रहा। करीब 30 मिनट तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा। इधर, शहरी क्षेत्र में भी बिजली गुल हो जाने से उपभोक्ता ठंड से ठिठुरते रहे।

क्या कहते हैं अधिकारी

उधर, बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता अशोक धीमान ने कहा कि तकनीकी खामियों के चलते बिजली गुल हुई थी, लेकिन जल्द ही बहाल कर दिया गया था। अस्पताल प्रशासन को जेनरेटर सुविधा सभी रोगी वार्ड में उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि ऐसे हालात में मरीजों का उपचार प्रभावित न हो पाए।

वहीं, एसडीएम जोगेंद्रनगर व रोगी कल्याण सीमिति के अध्यक्ष मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन को समस्या के समाधान पर जरूरी आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि मरीजों को परेशानी न झेलनी पड़े।

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