यह छूट उन्हीं कर्मचारियों के लिए रहेगी, जो या तो भारत से बाहर हैं, अवकाश पर हैं, प्रतिनियुक्ति पर हैं या विदेश सेवा में हैं। वे अपने कार्यभार ग्रहण करने के एक महीने के भीतर इस बारे में विकल्प सुझा सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी सस्पेंड है तो उसकी दोबारा ज्वाइनिंग की तिथि से विकल्प देने की तिथि की गणना होगी।
सोमवार को जारी नए वेतनमान के नियम भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों, अधीनस्थ न्यायालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों, यूजीसी से विनियमित संस्थाओं के कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। इस बारे में हिमाचल प्रदेश सिविल सेवाएं संशोधित वेतनमान अधिनियम 2022 में स्थिति स्पष्ट की गई है। इन श्रेणियों को मौजूदा दरों से ही महंगाई भत्ता दिया जाएगा। वर्तमान अधिसूचना उन पर लागू नहीं होगी।
पे मैट्रिक्स के संबंधित लेवल से मिलान होगा गुणा करने के बाद
ऐसी श्रेणियां जिनकी भर्ती या नियुक्ति 1 जनवरी, 2016 से पहले हुई है, जिनका पे बैंड और ग्रेड पे वर्ष 2009 के संशोधित पे रूल्स के बाद दोबारा से संशोधित नहीं किया गया है। पे मैट्रिक्स में दिए गए एप्लीकेबल लेवल में 31 दिसंबर 2015 की बेसिक पे से 2.59 फैक्टर से गुणा करनी होगी।
इसके बाद जो फिगर आएगा, उसे राउंड ऑफ करना होगा। मैटिक्स में लेवल दिए गए हैं। उसके बाद जो रकम आएगी, उसे पे मैट्रिक्स के संबंधित लेवल से मिलाया जाएगा और यही संबंधित कर्मचारी का वेतन होगा।
राउंड ऑफ करने के बाद जो आंकड़ा आएगा, उसका मिलान होगा
ऐसी श्रेणियां जिनका पे बैंड और ग्रेड पे 2012 के पुनर्संशोधन से संशोधित हुआ है, उनका वेतन दो विधियों से तय होगा। इसके लिए पे मैट्रिक्स में एक जनवरी 2016 को दर्शाए का एप्लीकेबल देखना होगा। 31 दिसंबर, 2015 की बेसिक पे को फैक्टर 2.25 से जमा करना होगा। राउंड ऑफ करने के बाद जो आंकड़ा आएगा, उसे पे मैट्रिक्स में संबंधित स्तर से मिलाना होगा।
अगर वैसा कोई स्तर पे मैट्रिक्स में नहीं होगा तो उससे ऊपर के सेल में वेतन निर्धारण होगा। इसकी दूसरी विधि में सरकारी कर्मचारियों के लिए नोशनल पे की गणना करनी होगी। इसमें 2012 के पुनर्संशोधन के लाभों को घटाया जाएगा। 31 दिसंबर 2015 को पूर्व कल्पित वेतन को फै क्टर 2.59 से गुणा करना होगा।