मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि संशोधित वेतनमान के लिए कर्मचारियों को दो विकल्प दिए गए हैं, अब इसके अलावा उन्हें तीसरा विकल्प भी दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई कर्मचारी वर्ग इससे वंचित होता है तो पुनर्विचार करके समाधान किया जाएगा। हिमाचल के पेंशनरों को पंजाब के वेतन आयोग के आधार पर पेंशन लाभ दिए जाएंगे। इससे 1 लाख 75 हजार पेंशनरों को लाभ मिलेगा। इस पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इससे पहले सीएम ने कहा कि हिमाचल के 50 वर्ष पूरे होने पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए थे। स्वर्ण जयंती के 50 वर्ष पूरे होने पर निर्णय लिया कि प्रदेश के हर एक गांव में जाकर हिमाचल तब और अब के लिए आभार जताने का कार्यक्रम था, लेकिन कोविड की वजह से नहीं जा पाए। हिमाचल छोटा राज्य होने के बावजूद अनेक बड़े राज्यों की तुलना में आगे निकलता जा रहा है। आज हर क्षेत्र में हिमाचल आगे बढ़ा है।
चाहे विद्युत उत्पादन हो, प्रति व्यक्ति आय हो या बागवानी का क्षेत्र आज हिमाचल एक संपन्न व आदर्शवादी राज्य बनकर उभरा है, इसका श्रेय देवभूमि के ईमानदार लोगों को जाता है। देश की रक्षा में भी हिमाचल का योगदान बढ़चढ़ रहा है। सीएम जयराम ने हिमाचल प्रदेश के निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार को याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश को पूर्व राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सीएम ने कहा कि हिमाचल की जनता के सहयोग से कोविड के कठिन दौर को पार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। कोविड काल में 108 स्वास्थ्य संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए गए। प्रदेश की भाजपा सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 4525 सड़कें पक्की कीं, जोकि अब तक किसी सरकार में नहीं हुआ। चार वर्षों में 412 नए पंचायतें बनाई गईं। जब हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा मिला तो सिर्फ 34 उपमंडल थे, लेकिन आज इनकी संख्या 78 है। तहसील और सब तहसील की संख्या 182 हो चुकी है। आज हिमाचल साक्षरता दर में केरल के बाद दूसरे स्थान आता है।
सीएम ने कहा कि हिमाचल की जनता के सहयोग से कोविड के कठिन दौर को पार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। कोविड काल में 108 स्वास्थ्य संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए गए। प्रदेश की भाजपा सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 4525 सड़कें पक्की कीं, जोकि अब तक किसी सरकार में नहीं हुआ। चार वर्षों में 412 नए पंचायतें बनाई गईं। जब हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा मिला तो सिर्फ 34 उपमंडल थे, लेकिन आज इनकी संख्या 78 है। तहसील और सब तहसील की संख्या 182 हो चुकी है। आज हिमाचल साक्षरता दर में केरल के बाद दूसरे स्थान आता है।
1971 में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये थी, जो आज 183286 रुपये हो गई है। जीडीपी 223 करोड़ थी, जो आज 156533 करोड़ है। स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या आज 4320 है। विद्युत की आपूर्ति आज शतप्रतिशत गांवों में है। 1971 में 10617 किलोमीटर तक सड़कें थीं, जो आज 38 हजार किलोमीटर हो गई हैं।
वहीं अब प्रदेश में 2192 पुलों का जाल बिछा है। 1971 में 4693 शिक्षण संस्थान थे और आज इनकी संख्या 16067 पहुंच गई है। प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना के तहत 2 लाख 17 हजार लोगों का मुफ्त इलाज किया और 200 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए। अटल टनल के साउथ व नार्थ पोर्टल पर पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।