Portfolio Diversification: संपत्ति को लंबे समय से निवेश का शानदार विकल्प माना जाता रहा है. बदलते समय के साथ अब इसमें निवेश के तरीके भी बदल रहे हैं. अब किसी संपत्ति को खरीदने के लिए ढेर सारी पूंजी जुटाने की जरूरत भी नहीं रह गई है बल्कि जितनी पूंजी आपके पास है, उससे ही रीयल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं. सीधे रीयल एस्टेट में निवेश करने की बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से निवेश पर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं. इस समय आवासीय संपत्तियों से किराए के रूप में आय कम हो रही है लेकिन कॉमर्शियल संपत्तियों से अभी भी आय हो रही है तो अप्रत्यक्ष रूप से रीयल एस्टेट में निवेश से आप इसका फायदा उठा सकते हैं.
Real Estate Investment Trust (REIT)
रीट (REIT) के जरिए निवेशकों से पैसे जुटाकर रीयल एस्टेट में निवेश किया जाता है. इसमें निवेशकों को पैसों के अनुपात में यूनिट्स मिलते हैं जो एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं और इक्विटी शेयरों की तरह इनकी खरीद-बिक्री होती है. इस तरह से रीट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) की तरह ही है जिसका पैसा रीयल एस्टेट में लगाया जाता है. हालांकि इस पूरे पैसो को कई हिस्सों में बांटकर निवेश किया जाता है. स्पेशल पर्पज वेहिकल के रूप में हर हिस्सा अगल-अलग प्रॉपर्टी का होता है.
नियमों के मुताबिक रीट की 90 फीसदी टैक्सेबल आय को निवेशकों के बीच डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है. रीट में आय मालिकाना हक वाली संपत्तियों से मिलने वाले किराए और कुछ हद तक इनकी कीमतों में बढ़ोतरी से होती है. ऐसे में फंड मैनेजर ऐसी संपत्तियों में पैसे लगाता है जिसमें किराए से आय अधिक हो. रीट का फायदा ये है कि इसमें आप एक यूनिट भी खरीद सकते हैं यानी कि अधिक पूंजी नहीं है तो भी एक तरह से आप रीयल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं.
Fractional real estate
रीट बाजार नियामक सेबी द्वारा रेगुलेट किया होता है. इसके विपरीत फ्रैक्शनल रीयल एस्टेट (FRE) एक इंफॉर्मल स्ट्रक्चर है जिसमें रीयल एस्टेट बिजनस या रीयल एस्टेट सर्विसेज में लगी हुई कंपनी कई निवेशकों से लीगल डॉक्यूमेंटेशन के जरिए पैसे जुटाकर किसी संपत्ति में निवेश करती है. यह रीट की तरह ही लग रहा है लेकिन दोनों में अंतर ये है कि एफआरई के तहत एक्सचेंज पर यूनिट्स लिस्ट नहीं होते हैं जिससे लिक्विडिटी की समस्या आती है. इस योजना से एक निवेशक तभी बाहर निकल सकता है, जब दूसरा निवेशक उसके हिस्से को खरीदने के लिए तैयार हो. हालांकि एफआरई में रीट की तुलना में प्रॉपर्टी को जानने का अधिक मौका मिलता है.
Mutual fund: Fund-of-funds
म्यूचुअल फंड-ऑफ-फंड्स के पैसे एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में रीट में निवेश होता है. इसके पैसे अधिकतर एशिया-पैसेफिक क्षेत्र के सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के रीयल एस्टेट में लगाए जाते हैं. इसका मतलब हुआ कि इसके जरिए निवेशकों को देश के बाहर भी रीट मार्केट्स का एक्सपोजर मिलता है जो अधिक विकसित है.