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Himachal : सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाएगी, जीके - 99, जानिए इस डिवाइस के बारे में : Read More

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अम्ब : कन्फीड्रेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के सौजन्य से 10 से 16 जनवरी तक वर्चुअल तौर पर चले स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक एग्जीबिशन में ज्वास्तिका सोलूशन अम्ब के आविष्कारक दीपक शर्मा ने भाग लिया। दीपक ने देश की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से तैयार की गई डिवाइस (ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात, ड्राइविंग के समय नींद की झपकी, गाड़ी की लोकेशन, किसी अज्ञात स्थान पर गाड़ी का पलटना व गाड़ी की स्पीड सहित विभिन्न कारणों को ट्रेस करने में पूर्णतया सक्षम) का प्रस्तुतीकरण किया। 

रविवार को अम्ब में अपने मोरल सपोर्टर अतुल ठाकुर की उपस्थिति में दीपक ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि उक्त प्रदर्शनी में उनकी कंपनी की टीम द्वारा तैयार की गई जीके-99 नामक आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस बेस्ड डिवाइस में आईटीसी, एनटीपीसी, एयरटैल स्टार्टअप एक्सीलेटर व आदित्या विरला विज कंपनियों ने रुचि दिखाई है। 

एआई बेस्ड डिवाइस गाड़ियों में लग जाने के बाद यदि कोई गाड़ी चालक लापरवाही से ड्राइविंग करता है तो डिवाइस उक्त कारणों को भांपते हुए तुरंत इसकी जानकारी सर्वर को देगा और उसके बाद पलों में वह सूचना संबंधित विभाग व संबंधित पुलिस स्टेशन आदि को एस.एम.एस. से पहुंच जाएगी। 


उन्होंने दावा किया कि अक्सर कई कंपनियों ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने संबंधी डिवाइस बना रखी हैं और मार्कीट में डिवाइस उपलब्ध भी हैं लेकिन यह पहली ऐसी डिवाइस है जो ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने वाले चालक को पकडऩे में पूरी तरह से सक्षम है। 


यदि चालक ड्राइविंग के समय मोबाइल यूज की थोड़ी-सी भी असावधानी बरतता है तो वह तुरंत पकड़ा जाएगा जबकि इसके साथ-साथ यह डिवाइस अज्ञात स्थान पर गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने पर लोकेशन को ट्रेस करने में सक्षम है। यदि उस स्थान पर (जहां गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई है) सिग्नल है तो लोकेशन के साथ-साथ मैसेज संबंधित फील्ड में शेयर हो जाएगा और यदि सिग्नल नहीं भी है तो इस डिवाइस के माध्यम से निकलने वाली लाऊड (आवाज) काफी दूर तक सुनाई देने का प्रावधान किया गया है। 


गौरतलब है कि दीपक ने गत वर्ष उक्त डिवाइस की प्रैजैंटेशन आईआईटी मंडी में दी थी। जहां पर आईआईटी ने उनकी कंपनी को डिवाइस को इंप्रूव करने के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। दीपक ने दावा किया है कि उनकी कंपनी अवैध खनन को रोकने के लिए भी डिवाइस बनाने में सक्षम है। गत दिनों जिला खनन अधिकारी ने पत्र द्वारा उन्हें डिवाइस की प्रैजैंटेशन के लिए बुलाया है।

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