एआई बेस्ड डिवाइस गाड़ियों में लग जाने के बाद यदि कोई गाड़ी चालक लापरवाही से ड्राइविंग करता है तो डिवाइस उक्त कारणों को भांपते हुए तुरंत इसकी जानकारी सर्वर को देगा और उसके बाद पलों में वह सूचना संबंधित विभाग व संबंधित पुलिस स्टेशन आदि को एस.एम.एस. से पहुंच जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि अक्सर कई कंपनियों ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने संबंधी डिवाइस बना रखी हैं और मार्कीट में डिवाइस उपलब्ध भी हैं लेकिन यह पहली ऐसी डिवाइस है जो ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने वाले चालक को पकडऩे में पूरी तरह से सक्षम है।
यदि चालक ड्राइविंग के समय मोबाइल यूज की थोड़ी-सी भी असावधानी बरतता है तो वह तुरंत पकड़ा जाएगा जबकि इसके साथ-साथ यह डिवाइस अज्ञात स्थान पर गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने पर लोकेशन को ट्रेस करने में सक्षम है। यदि उस स्थान पर (जहां गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई है) सिग्नल है तो लोकेशन के साथ-साथ मैसेज संबंधित फील्ड में शेयर हो जाएगा और यदि सिग्नल नहीं भी है तो इस डिवाइस के माध्यम से निकलने वाली लाऊड (आवाज) काफी दूर तक सुनाई देने का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है कि दीपक ने गत वर्ष उक्त डिवाइस की प्रैजैंटेशन आईआईटी मंडी में दी थी। जहां पर आईआईटी ने उनकी कंपनी को डिवाइस को इंप्रूव करने के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। दीपक ने दावा किया है कि उनकी कंपनी अवैध खनन को रोकने के लिए भी डिवाइस बनाने में सक्षम है। गत दिनों जिला खनन अधिकारी ने पत्र द्वारा उन्हें डिवाइस की प्रैजैंटेशन के लिए बुलाया है।