Himachal : परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने लगाई फटकार - अफसर खुद रात को बसों में सफर करके देखें हालत : Read More

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शिमला पालमपुर रूट पर खटारा बस चलाने से यात्रियों को पेश आई परेशानी को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लिया है। परिवहन मंत्री ने एचआरटीसी के अधिकारियों को नाइट रूट पर खटारा बसें भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में एचआरटीसी के किसी भी डिपो में ऐसी चूक न हो। परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर सर्दी के मौसम में नाइट रूट पर पुरानी बस चलाई जाएगी तो उसमें सवारियां क्यों बैठेगी।

ऐसी लापरवाही से निगम की छवि खराब होती है। उन्होंने एचआरटीसी के अधिकारियों को निरीक्षण के लिए नाइट बसों में सफर कर हालात का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि पुरानी बसों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए करीब 70 करोड़ की लगात से 200 नई बसें खरीदने की तैयारी है। अप्रैल माह तक 145 ऑर्डिनरी बसें एचआरटीसी के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। पांच नई वोल्वो पिछले महीने ही खरीदी जा चुकी हैं।

भविष्य में ऐसी गलती न करने की चेतावनी 

रात्रि बस सेवा में ऐसी पुरानी बस चलाना जिसके शीशे भी ठीक नहीं है बड़ी लापरवाही है। एचआरटीसी मैनेजमेंट को ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी गलती न हो। - बिक्रम सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री, हिमाचल प्रदेश

खटारा बस भेजने वालों को आज जारी होंगे नोटिस

शिमला-पालमपुर रात्रि रूट पर खटारा बस भेजने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को आज नोटिस जारी होंगे। एचआरटीसी के महाप्रबंधक पंकज चड्ढा ने क्षेत्रीय प्रबंधक पालमपुर उत्तम सिंह से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। रात्रि रूट पर खटारा बस भेजने की लापरवाही करने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम सिंह ने बताया कि सोमवार को संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

यह है मामला

शिमला आईएसबीटी से वीरवार रात पालमपुर के लिए एचआरटीसी ने खटारा बस भेजी। बस के अधिकतर शीशे लूज थे, सीट नंबर 22, 23, 24 की खिड़की का शीशा टूटा हुआ था। खिड़की में गत्ता फंसा कर बस शिमला से पालमपुर पहुंचाई गई। 225 किलोमीटर के सफर में यात्री ठंड से ठिठुरते रहे। बैजनाथ से पीछे रेलवे क्रासिंग के पास बस अचानक बंद हो गई। करीब एक घंटे तक बस यहां खड़ी रही।

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