शिमला :हिमाचल सरकार को ब्रांड न्यू रशियन हेलिकाप्टर रास नहीं आया है। स्काई वन कंपनी का यह एमआई-171ए 2 हेलिकाप्टर मई 2021 से राज्य सरकार को मिला था। हालांकि अप्रैल महीने में यह रूस से दिल्ली ट्रायल के लिए आ गया था। हाल ही में हुए हेलिकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद राज्य सरकार में भी हेलिकाप्टर को लेकर चिंताएं जागी। इसके बाद स्काई वन के साथ करार को खत्म करने पर अब फैसला हुआ है।
स्काई वन के जिस हेलिकाप्टर का इस्तेमाल राज्य सरकार अभी कर रही है, उसकी लागत 5.10 लाख प्रति घंटा है। लेकिन यह नया हेलिकाप्टर अब तक तकनीकी खराबी के कारण चार बार ग्रांउडिड किया जा चुका है। इसके गियर बाक्स में दिक्कत आई है और इलेक्ट्रानिक डिवाइस ऑपरेटिड होने के कारण कंपनी के अपने पायलट इसे नहीं समझ पा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार अब फिर से सरकारी कंपनी पवन हंस की ओर जाएगी। हालांकि इनका चयन टेंडर के जरिए होगा या फिर यही रेट इन्हें भी दिया जाएगा, यह अभी साफ नहीं है।
स्काई वन को सरकार ने पहले ही एग्रीमेंट टर्मिनेट करने का नोटिस दे दिया था, लेकिन अब कैबिनेट से इस पर मुहर लग गई है। हालांकि इसमें कई पेचीदगियां भी हैं। स्काई वन को देरी से हेलिकाप्टर लाने पर करीब सात करोड़ की पेनल्टी लगी थी। इसका भुगतान कंपनी मासिक आधार पर किस्तों में कर रही थी।
इस एग्रीमेंट के क्लाज में लिखा है कि आर्बिट्रेशन के दौरान भी सेवाएं सस्पेंड नहीं होगी, लेकिन सरकार यह फैसला फिर भी ले रही है। स्वाई वन का यह हेलिकाप्टर पांच साल के लिए लिया गया था। गौरतलब है कि राज्य सरकार को मुख्यमंत्री, राज्यपाल जैसे वीआईपी दौरों के अलावा ट्राइबल एरिया में उड़ानों के लिए भी हेलिकाप्टर की जरूरत होती है। इस कारण लीज पर हेलिकाप्टर लिया जाता है।