हिमाचल में बढ़ते उन्माद व संविधान और कानून के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन के विरोध में भीम आर्मी हिमाचल के अध्यक्ष रवि कुमार दलित आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से चौड़ा मैदान में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की पुण्यतिथि मानते समय मिले। उन्होंने मौके पर मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि गुजरात की तर्ज पर हिमाचल में स्वर्ण शब्द के प्रयोग को बैन किया जाए। उनका कहना है कि राज्य में बढ़ते जातिवाद का कारण "स्वर्ण" शब्द है तथा इसके चलते प्रदेश भर में जातीय उन्माद व अशांति फैल रही है।
रवि कुमार दलित ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि हम आपका ध्यान स्वर्ण शब्द द्वारा प्रदेश में फैलाए जा रहे उन्माद की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश में जातिय दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है। जो प्रदेश के लोगों के आपसी सौहार्द व भाईचारे के लिए एक चिंता का विषय है। जिसकी जानकारी हमने प्रदेश के दलित संगठनों सहित 14 अप्रैल 2021 को आपको ज्ञापन के माध्यम से दी थी व उसके पश्चात शिमला विधानसभा में सत्र के दौरान भी आपको अवगत करवा दोबारा इस गम्भीर चिंता के विषय की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने कि कोशिश की थी कि आप इन असामाजिक तत्वों पर तुरन्त कार्यवाही करेंगे। जो प्रदेश सरकार को राजनीतिक दृष्टिकोण के चलते घेरने का षड्यंत्र कर रहे हैं। परन्तु हमें खेद है कि आपके द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे दलित समाज में रोष है।
उन्होंने आगे कहा है कि कई दशकों से प्रदेश में स्थित सभी जाति वर्ग के लोग आपसी भाईचारे के साथ सामाजिक समरसता से रहते चले आ रहे हैं। परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश का माहौल खराब करने की एक गहरी साज़िश की जा रही हैं, जिससे जातिय दंगे भड़कने की आंशका है। इन लोगों द्वारा असंवैधानिक तौर पर एक जातिय पक्ष को उकसा कर स्वर्ण आयोग बनाने की मांग की जा रही हैं जो की असंवैधानिक है। जबकि सरकारी रिकार्ड अनुसार स्वर्ण जाति का कहीं उल्लेख नहीं है तो स्वर्ण आयोग किस लिए और जबकि जातिय समीकरण अनुसार इस वर्ग की आबादी प्रदेश में 75% है। परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने हेतु इस प्रकार का कृत्य किया जा रहा है।
जिसका परिणाम प्रदेश के हित हेतु लाभकारी न होगा। इस वर्ग के कल्याण हेतु पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राजपूत कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है और ब्रहामण समाज के कल्याण हेतु ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है।
उन्होंने आगे कहा है कि इस वर्ग हेतु प्रदेश सरकार द्वारा 10% आरक्षण भी प्रदान किया गया है। इतनी सभी प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान करने के बाबजूद भी बहुसंख्यक वर्ग को बेलगाम असमाजिक तत्वों द्वारा एक गैर कानूनी ढंग से बनाए गए देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवम देव भूमि स्वर्ण संयुक्त मोर्चा के माध्यम से लोगों को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। जिस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और उन पर प्रदेश की शान्ति भंग करने हेतु लोगों को उकसाने हेतु कार्यवाही की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से हिमाचल में जातिवाद हावी हो रहा है। जातिवाद के कारण समाज में बिगड़ते असंतुलन का असर समाज की मानसिकता पर हो रहा है। इसी पर गुजरात सरकार द्वारा भी जातिय भेदभाव को खत्म करने के उद्देश्य से गुजरात सरकार द्वारा स्वर्ण शब्द बोलने और लिखने पर पाबन्दी लगाने का फैसला लिया गया है। भीम आर्मी प्रदेशाध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में लोगों के आपसी सौहार्द भाई चारे को कायम रखते हुऐ गुजरात सरकार की तर्ज पर हिमाचल सरकार भी तुरन्त प्रभाव से असंवैधानिक स्वर्ण शब्द को बोलने और लिखने पर प्रतिबंध लगाए। अन्यथा प्रदेश में जातिय दंगे भड़कने की सीमा चरम पर है, जिससे प्रदेश की शान्ति भंग होना निश्चित है।
उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सरकार में विश्वास जताया कि हमें आपसे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण उम्मीद है कि इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए 10 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा सत्र में इस असंवैधानिक स्वर्ण शब्द को बोलने और लिखने पर बैन लगाया जाए और उस स्वर्ण शब्द को लेकर जातिय दंगे भड़काने की कोशिश करने वालों व प्रदेश की शान्ति भंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करवाई जायेगी।
इस मामले में मीडिया की ओर से सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हम प्रदेश में जातीय द्वेष और उन्माद फैलाने की अनुमति नही दे सकते।