विधानसभा में आपका पहला भाषण सुनने का अवसर मिला। राजनीतिक एवं वैचारिक मतभेद होने के बावजूद आपसे अपेक्षा थी कि आप जिनकी वजह से आज विधानसभा पहुँचे, उन स्व॰श्री सुजान सिंह पठानिया जी को अपना भाषण शुरू करने से पहले एक बार तो श्रद्धांजलि अर्पित करते।
लेकिन आपने उनका नाम तक लेना ठीक नहीं समझा।मुझे इस बात पर भी बड़ा आश्चर्य हुआ की हिमाचल प्रदेश की इस वीर-भूमि से नवनिर्वाचित विधायक होने के बावजूद आपने दिवंगत CDS विपिन रावत एवं अन्य शहीदों को भी श्रद्धांजलि नहीं दी, बल्कि अपने भाषण का एक प्रमुख अंश “शुतुरमुर्ग़” कि उदाहरण, व्याख्या एवं चर्चा में व्यर्थ कर दिया।
इसके अलावा आप हिमाचल प्रदेश के लाखों NPS कर्मचारियों पर भी मौन रहे, जबकि वह विधानसभा के बाहर हज़ारों की संख्या में आंदोलन कर रहे थे।आप केवल ख़स्ताहाल सड़कों और कम बजट पर अपना दुखड़ा रोते रहे, लेकिन यह भूल गए कि पिछले तीन बार से लगातार (कांग्रेस से) आपके पिता जी ही फ़तेहपुर से विधायक एवं मंत्री रहें हैं। यदि सड़के इतनी ख़राब स्थिति में हैं, तो इसका ज़िम्मेवार कौन है, आप भी भली भाँति जानते हैं।ख़ैर विधायक बनने के बाद आप हर जगह केवल यह कहते नज़र आ रहें हैं की “एक साल के इस छोटे कार्यकाल में मैं कोई बड़ा काम नहीं कर सकता” और अब तो बजट का रोना रोकर आपने सड़कों की मुरम्मत से भी पल्ला झाड़ लिया है।
हाँ, एक काम आप बखूबी कर रहें हैं, और वह है दूसरों द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय ज़बरदस्ती लेना और उनका उद्घाटन करना।मसलन रेहन में DC Kangra द्वारा दी गई lights का उद्घाटन,हिमाचल सरकार द्वारा स्वीकृत रे college भवन के tender का श्रेय,देहरी में PWD विभाग द्वारा स्वीकृत राशि से शौचालय का निर्माण आदि।
मेरी आपसे प्रार्थना है कि विश्व के इस सबसे बड़े लोकतंत्र ने आपको विधायक के रूप में जो सेवा का अवसर प्रदान किया है, उसकी गम्भीरता को समझते हुए आप बिना किसी बहाने-बाज़ी के क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे।