यह बात हम नहीं कर रहे है यह तस्वीरें और जुबानी पुलिस के जवानों के परिजनों की है. बिलासपुर में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए पहुंचे परिजन दोपहर से शाम तक भूखे-प्यासे थाने में बैठे रहे. परिजनों का आरोप (Harassment allegations on Bilaspur Police) है कि बिलासपुर सदर थाना की पुलिस (Bilaspur Sadar Police Station) ने उन्हें बुरी तरह से हरासमेंट किया है. यहां पर उन्होंने उनको इसीलिए बुलाया कि आपके बयान दर्ज करने हैं कि आपकी मांगें क्या हैं, लेकिन जब वह थाने में गए तो वहां पर उनको पांच घंटे से अधिक समय तक बैठाया रखा. उसके बाद उनसे जबरन उनके बच्चों जो पुलिस में कार्यरत है उनका नाम पता पूछने लगे. ऐसे में परिजनों ने बिलासपुर पुलिस के खिलाफ काफी रोष प्रकट भी किया है.
पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को समाप्त किया जाए और उनकी मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए. ज्ञापन में कहा है कि कोविड काल हो या अन्य कोई भी सेवाएं पुलिस दिन.रात ईमानदारी से अपने काम में लगी रहती है, लेकिन पुलिसकर्मियों को उनके काम के अनुसार उचित मानदेय नहीं दिया जाता.
गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश पुलिस (Himachal Pradesh Police) के जवानों को 210 प्रति माह राशन मनी मिलती है जबकि पंजाब में 3500 रुपए और सीआरपीएफ को 3600 रुपए राशन मनी है. इसके अलावा लावारिस लाश मिलने पर उसके कफन दफन का खर्च भी आईओ या समाजसेवी लोग करते हैं. पोस्टमार्टम के लिए कोई बजट नहीं, पुलिस जवान या तो अपनी जेब से या फिर किसी से पैसे लेकर लाश को पोस्टमार्टम केंद्र लेकर जाते हैं.
यही नहीं पुलिस जवान अपने सब डिवीजन में और एस आई अपने जिला में नियमानुसार तैनात नहीं हो सकते. यानि कम से कम 100 किलोमीटर घर से दूर इनकी तैनाती होगी, ऐसे में संशोधित वेतनमान की मांग उचित ही है.