राष्ट्रीय राजमार्ग शिमला-मंडी-205 के घंडल में धंसे हिस्से को करीब एक माह होने वाला है, लेकिन अभी तक लोगों को राहत नहीं मिली है। हजारों लोगों को वैकल्पिक मार्ग से करीब 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। एनएच का यह हिस्सा 13 सितंबर को धंस गया था।
क्षतिग्रस्त सड़क की जगह बनाए जा रहे बैली ब्रिज का निर्माण होने में कुछ और वक्त लगेगा। पहले लोनिवि ने रविवार तक पुल निर्माण कार्य पूरा कर सोमवार से ट्रैफिक शुरू करने का दावा किया था, लेकिन अब बात अगले सप्ताह तक चली गई है। बैली पुल को दूसरे छोर तक पहुंचाने के बाद इसे बैरिंग पर स्थापित किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग का ढली मेकेनिकल डिविजन 180 फीट लंबे और 3.27 मीटर चौड़े डीबीटी तकनीक से बने पुल में लगे एक-एक नट बोल्ट को अपने स्तर पर चेक कर ही लोनिवि बीएंडआर धामी डिविजन के सुपुर्द करेगा। धामी डिविजन सड़क के दोनों छोर को जोड़ने वाले रैंप का शेष कार्य करेगा।
इसमें एक से डेढ़ दिन लगेगा। इससे साफ है कि पुल से यातायात शुरू करने में चार से पांच दिन और लग सकते हैं। बीते रोज पुल के चल रहे कार्य में पेश आई कुछ खराबी के कारण काम बाधित हुआ। मेकेनिकल डिविजन ने पुल का 90 फीसदी काम कर लिया है।
12 अक्तूबर से शुरू करवा देंगे बैली ब्रिज से यातायात : देहल
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ डीएस देहल और चीफ इंजीनियर अर्चना परमार ने बैली ब्रिज के निर्माण कार्य का शनिवार को जायजा लिया। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ डीएस देहल ने कहा कि मंगलवार (12 अक्तूबर) से बैली ब्रिज से यातायात शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने करीब दो घंटे तक मौके पर पुल के शेष बचे कार्य की जानकारी ली। मेकेनिकल डिविजन के अधिशासी अभियंता केके रावत और धामी डिविजन के अधिशासी अभियंता को दिशा निर्देश दिए।
तीन वैकल्पिक रूटों से चलाया है ट्रैफिक
एनएच बंद होने पर घणाहट्टी-पनेश-कंडा-रूगड़ा-कोहबाग और धारड़ूधार- गलोग होकर बसें लोअर हिमाचल भेजने की व्यवस्था की थी। लोअर हिमाचल से राजधानी के लिए बंगोरा-कालीहट्टी-नालहट्टी से घणाहट्टी होकर ट्रैफिक चल रहा है। छोटे वाहनों के लिए पक्की बावड़ी से शकराह सेदन होकर सोलह मील के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किया है।
मंत्री ने कहा था, एक हफ्ते में बहाल होगा पुल
घंडल में 13 सितंबर को एनएच धंसने के बाद 26 सितंबर को मौके पर पहुंचकर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने एक सप्ताह में बैली ब्रिज बनाकर यातायात बहाल करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद लोनिवि के मेकेनिकल डिविजन ने 28 सितंबर को पुल का कार्य शुरू किया था। इसके बाद पुल का निर्माण कार्य पूरा किए जाने की समय सीमा बढ़ती गई। प्रदेश के आठ जिलों के लोग इसी हाईवे से होकर जाते हैं।