बोरियों में एटीएम, पंजीकृत पत्र, स्पीड पोस्ट, इंटरव्यू कॉल लैटर, बीमा पॉलिसी व स्कूली बच्चों के प्रमाण पत्र शामिल हैं। बता दें कि पहले मिली 3 बोरियों की चिट्ठियों को बांटने के लिए विभाग ने 5 सदस्यीय टीम गठित की थी और 5 दिनों में डाक बांट दी गई थी लेकिन अब 10 बोरियों में भरी हुई हजारों चिट्ठियों को बांटने में 50 दिन लग सकते हैं। महिला डाक कर्मी की इस गलती का खमियाजा जहां विभाग भुगत रहा है वहीं डाक धारकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि डाक कर्मी के जेठ संजय कुमार ने अपनी भाभी व एक पुरुष पर उसके भाई को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए थे, जिस पर पुलिस ने आरोपी महिला डाक कर्मी व एक पुरुष को हिरासत में ले लिया था। बाद में महिला के ससुर व जेठ ने जब उसके कमरे में पड़े ट्रंक को खोला तो चिट्ठियों से भरी 3 बोरियां मिली थीं, जिन्हें संबंधित विभाग को सौंप दिया गया था।
डाक विभाग के निरीक्षक आशीष कुमार ने बताया कि अब महिला डाक कर्मी के घर से डाक की 10 बोरियां बरामद हुई हैं, जिन्हें डाक धारकों को बांट दिया जाएगा। महिला डाक कर्मी को सस्पैंड कर दिया गया है और चार्जशीट किया जाएगा।