इसके साथ ही दुकानदारों की भी हौसला अफजाई की गई। व्यापार मंडल की सभी दुकानदारों को मोरल सपोर्ट रही। बता दें कि हमीरपुर शहर में दो हजार से अधिक दुकानें हैं। यहां पर बड़े व छोटे शोरूम का आंकड़ा 50 के लगभग है। बाजार में कोरोना संक्रमण से पहले एक दिन में आठ से दस करोड़ का कारोबार होता था। वर्तमान में कारोबार तीन से चार करोड़ के बीच सिमट कर रह गया है। इसका मुख्य कारण ग्राहकों का खरीददारी की तरफ रुझान कम होना माना जा रहा है। इसका मुख्य कारण भी कोरोना ही रहा है। संक्रमण के इस दौर में कई लोग नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं। कभी बड़े मासिक पैकेज पर नौकरी करने वाले लोग अब मामूली तनख्वाह की नौकरी कर रहे हैं। इस कारण हरेक किस्म के कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है। वर्तमान में कोरोबार पर 60 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा रही है। नवरात्र या नए त्योहारी सीजन के लिए तैयारियों की बात करें, तो दुकानदार अब दुकानों में सामान रखने से भी कतराने लगे हैं। त्योहारी सीजन में कितना सामान उतारा जाए इसके लेकर भी दुकानदारों में असमंजस की स्थिति है। कारण साफ है कि ग्राहकों का रुझान कम होने के बाद दुकानदार त्योहारी सीजन में भी घाटे को लेकर चिंतित रहते हैं। हालांकि नवरात्र को लेकर दुकानदार सामान जरूर उतारेंगे। नवरात्र के नजदीक आते ही सामग्री दुकानों में सज जाएगी। (एचडीएम)
शहर में खुलेंगे और शोरूम
हमीरपुर बाजार में सात से आठ नए शोरूम खुलने जा रहे हैं। हालांकि ये शोरूम बड़े व्यापारियों द्वारा खोले जा रहे हैं। शहर में कोई नई दुकान नहीं खुल रही है। कोरोना काल में कई दुकानों में शट्टर लग चुके हैं। ऐसे में कोई नई दुकान खोलने के बारे में नहीं सोच रहा है। जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते, व्यापारी वर्ग की चिंता समाप्त नहीं होगी। इसके साथ ही व्यापारी वर्ग की माने तो जहां कोरोना की दोनों लहरों ने व्यापार पर विपरीत प्रभाव डाला है, वहीं ऑनलाइन कारोबार ने भी स्थायीदुकानदारों को हानि पहुंचाई है।
क्या कहते हैं व्यापार मंडल के अध्यक्ष
व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल सोनी का कहना है कि कोरोना की दोनों लहरों ने व्यापार पर विपरीत असर डाला है। पहले की अपेक्षा अब व्यापार 40 फीसदी ही रह गया है। जहां कोरोना ने व्यापारियों के व्यापार पर बुरा असर डाला है, वहीं ऑनलाइन कारोबार ने भी हानि पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल ने कोविड-19 के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर के लिए पैक्ड फूड उपलब्ध करवाया था। इसके साथ ही दुकानदारों को भी व्यापार मंडल की मोरल सपोर्ट रही। व्यापार मंडल व्यापारी वर्ग के हित में कार्यरत है।