लेकिन संस्था फिर भी लंगर लगाकर लोगों की सेवा बदस्तूर जारी है. लंगर गृह में रोजाना यहां आज भी लगभग 4 हजार लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. इस लंगर में खाना बनाने वालों का कहना है कि लंगर गृह में बिजली,पानी न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अंधेरे में ही वह लंगर का खाना बना रहे हैं. सुबह छः बजे से रात के 10 बजे तक यह लंगर चलता रहता है।
सेवादारों का कहना है कि अस्पताल में खुशी से कोई नहीं आता है.सब मजबूरी में आते हैं. ऐसे में गरीब मजबूर लोगों की यहाँ सहायता की जाती है. आईजीएमसी प्रशासन ने लंगर सेवा को अवैध बताते हुए इसका बिजली पानी का कनेक्शन भले ही काट दिया हो, लेकिन प्रशासन को इसके बारे में जरूर सोचना चाहिए और लंगर सेवा को बंद नहीं करना चाहिए. उधर, लंगर में आए लोगों को भी प्रशासन का यह फैसला पसंद नही आया है. उनका कहना है कि यहां कोई अपने फायदे के लिए तो लंगर नहीं चलाया जा रहा है. हजारों मजबूर व गरीब लोग यहां लंबे समय से भोजन कर रहे हैं।
जिनके पास होटलों में रहने और खाने के लिए पैसे नहीं होते हैं.इससे सरकार व अन्य किसी को कोई तकलीफ नही होनी चाहिए. यह जिस प्रकार चल रहा है आगे भी चलता रहना चाहिए.इस लंगर गृह में उन्हें हर तरह का खाना उपलब्ध करवाया जाता है जो मरीजों के लिए जरुरी होता है.लंगर सेवा के तहत पौष्टिक भोजन से लेकर दलिया और विभिन्न तरह की सब्जियां और डालें भी मुहैया करवाई जाती है.अस्पताल प्रशासन को इसे बंद करने की बजाय और ऐसे लंगर गृह खोले जाने चाहिए.ताकि लंगर लगाने से अस्पताल आने वाले हर मजबूर और मरीज को खाना मिल सके।
बता दें कि लंगर विवाद को लेकर IGMC प्रशासन की मांग पर प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.जिसके लिए एडीएम लॉ एंड ऑर्डर शिमला को जांच का जिम्मा सौंपा गया है जो 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. पूरा मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इसके पक्ष और विपक्ष में लोग राय दे रहे हैं.