जानें क्या है पूरा मामला
दिनांक 01-08-2021 यानी रविवार के दिन एचआरटीसी शिमला डिपो की बस शिमला से धर्मशाला रुट पर जा रही थी उस दौरान जब बस जुखाला के पास पहुंची तो बिलासपुर डिपो के निरीक्षकों ने गाड़ी को चैक करने के लिए बस को रोका । उस दौरान एक यात्री घर के लिए सीलिंग फैन लेकर जा रहा था तो बिलासपुर डिपो के निरीक्षकों ने परिचालक को कहा कि इसकी टिकट क्यों नहीं बनाई और जबरदस्ती गलत रिपोर्ट बना दी । जिस यात्री का वह सामान था उन्होंने बिलासपुर डिपो के निरीक्षकों से कहा कि इस बस का निरीक्षण पहले भी हुआ तो उन निरीक्षकों ने तो सीलिंग फैन की टिकट के लिए कुछ नहीं बोला । यात्री ने निरीक्षकों से आग्रह भी किया कि आप परिचालक के साथ गलत मत करो । परंतु वह कुछ नहीं सुनते हुए परिचालक की रिपोर्ट करके चलते बने ।
अब सीधा सा सवाल यह उठता है कि क्या HRTC जनता के फायदे के लिए चलाई गई है या निरीक्षकों का यात्रियों को प्रताड़ित करना मकसद बन गया है परिचालकों को तो पहले ही प्रताड़ित किया ही जाता है परंतु अब तो सवारियों को भी इस प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है । क्या पूरे प्रदेश में HRTC के निरीक्षकों को एक आदेश नहीं है या फिर बिलासपुर डिपो के लिए ही अलग आदेश जारी है ? या फिर जबरदस्ती गलत रिपोर्ट बनाकर परिचालकों की नौकरी खराब करनी है ।
माननीय परिवहन मंत्री अगर इसी प्रकार का रवैया बरता जाएगा तो कौन HRTC की बसों में सफर करना पसंद करेगा ?
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