लाखों युवाओं का रोजगार छिन गया है। काम धंधे बंद हुए हैं लेकिन सरकार ने किसी की सुध नहीं ली है। महंगाई की समस्या जितनी गंभीर है, मोदी और हिमाचल की जयराम सरकार ने उसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया है। कोई भी उपाय महंगाई रोकने के लिए नहीं किए गए हैं।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि पैट्रोल-डीजल, खाद्य तेलों, रसोई गैस और खाने-पीने की हर चीज में अंधाधुंध वृद्धि से आम जनता खून के आंसू रोने पर मजबूर है। अच्छे दिन लाने के झूठे वायदे कर सत्ता में आए खुद सत्ता के नशे में संवेदनहीन हो चुके हैं।
भाजपा के मंत्री व नेता जुमलेबाज बने हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता है लेकिन लोगों को महंगा मिल रहा है। जब केंद्र में यू.पी.ए. की सरकार थी तो भाजपा के लोग खाली सिलैंडरों के साथ प्रदर्शन करते थे लेकिन आज वे अंधे बने हुए हैं।
नेता विपक्ष ने कहा कि यू.पी.ए. के समय में 60 रुपए प्रति लीटर मिलने वाला पैट्रोल अब 100 रुपए व 50 रुपए मिलने वाला डीजल 96 रुपए बिक रहा है। रसोई गैस सिलैंडर 900 रुपए पार कर गया है। यह कांग्रेस के समय में 425 रुपए का हुआ करता था। पिछले 6 माह में सिलैंडर 150 रुपए महंगा हुआ है।
जुलाई, 2021 में खाद्य तेलों की कीमतें 10 वर्ष के उच्चतम स्तर पर हैं। पिछले वर्ष 90 रुपए से 100 रुपए प्रति लीटर सरसों का तेल अब 200 रुपए हो गया है। पिछले वर्ष 90 से 95 रुपए मिलने वाली अरहर की दाल अब 125 रुपए को पार कर गई है।
हिमाचल में बेरोजगारी रिकार्ड स्तर पर बढ़ी है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता फ्रीज कर दिया है। बिजली के बिल बढ़े हैं। प्रदेश में बनने वाला सीमैंट महंगा तो दूसरे राज्य में यह सस्ता है।
400 रुपए प्रति बोरी की कीमतें पहुंच चुकी हैं। सस्ता राशन योजना का भट्ठा बैठ गया है। सी.एम. और मंत्री मोदी के गुणगान में ही व्यस्त हैं।
नेता विपक्ष ने कहा कि खुद को जनता का हमदर्द बताने वाली भाजपा क्यों महंगाई के मुद्दे पर जन जागरण, पद यात्राओं और अनशन से बच रही है?
उन्होंने कहा कि जन आक्रोश बड़े-बड़े सत्ता सिंहासन को हिला देता है। भाजपा सरकार के झूठे वायदों से त्रस्त जनता हिमाचल में भाजपा को घुटनों पर ला देगी। कांग्रेस आम आदमी की पीड़ा को आवाज देने से पीछे नहीं हटेगी।