इस पर मंगलवार को हाईकोर्ट बार एसोशिएशन (High Court Bar Association) की मीटिंग हुई है. सूत्र बता रहे हैं कि बार एसोसिएशन की आपात बैठक में फैसला लिया गया है कि डीजीपी(DGP) के खिलाफ कार्रवाई के लिए चीफ जस्टिस, सीएम और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
महिला वकील(Lawyer) का दावा है कि डीजीपी की बदसलूकी के वीडियो भी उसके पास है और बार काउंसिल (Bar Council) की मीटिंग में घटना का वीडियो भी चलाया गया है. आरोप है कि 14 अगस्त को महिला से डीजीपी ने बदतमीजी की और इस दौरान शिमला के तत्कालीन एसपी भी वहीं मौजूद थे. वहीं, बार एसोसिएशन के प्रेजिडेंट नरेश्वर चंदेल ने फिलहाल मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया है।
इस प्रकरण में DGP की मुश्किलें बढ़ती दिख रही थीं, अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर डीजीपी के बचाव में आए हैं. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि बार काउंसिल जिस तरीके से इस मामले को उठाने की कोशिश कर रहा है, उस तरह से देखने की जरूरत नहीं है. सीएम जयराम ठाकुर(CM Jairam Thakur) ने कहा कि साधु समाज के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उनके परिसर में कुत्ते लेकर जाना, दखल देना सही नहीं है।
सीएम ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि उनकी मंशा प्रॉपर्टी पर कब्जा करने की है, मंदिर के लोगों को परेशान करने की मंशा संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयत्न दिखता है. उन्होंने कहा कि इस पर शिकायत हुई और मामले में नियमों के अनुसार कार्रवाई पहले भी हुई है और आगे भी होगी।
साथ ही कहा कि शिकायकर्ता को पहले भी पुलिस ने समझाने का प्रयास किया. सीएम ने कहा कि राम कृष्ण की ओर से बार-बार स्थिती को देखते का आग्रह आया तो डीजीपी को पूरी स्थिती देखने के लिए भेजा गया. डीजीपी के साथ जो व्यवहार हुआ वो निंदनीय है. साथ ही कहा कि जो दोषी है, उस पर नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.