Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

Himachal : HRTC Conductor Recruitment: फोरेंसिक में पांच अधिकारियों के हस्ताक्षर नमूनों का दस्तावेजों से हुआ मिलान : Read Full News

News Updates Network
By -
0
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2003 में हुए बहुचर्चित कंडक्टर भर्ती गड़बड़झाले में नया खुलासा हुआ है। फोरेंसिक लैब जुन्गा से पूर्व आईएएस अफसर और तत्कालीन चार डीएम के हस्ताक्षर नमूनों की रिपोर्ट स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के पास पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेजों पर किए हस्ताक्षर (लिखावट) संबंधित अधिकारियों के पाए गए हैं। 
सभी अधिकारियों के हस्ताक्षर का मिलान दस्तावेज से लिए नमूनों से हुआ है। बता दें कि पुलिस जांच में इन अधिकारियों ने हस्ताक्षर न करने की बात कही थी। सूत्र बता रहे हैं कि यह भी साबित हो रहा है कि इन दस्तावेजों में टेंपरिंग की थी। 

मामले में नए तथ्य सामने आने के बाद एसआईटी अब संबंधित अधिकारियों को दोबारा तलब करने जा रही है। इस मामले की छानबीन में भर्ती संबंधी दस्तावेजों में गड़बडि़यां पाई गई थीं। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित अफसरों के खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सुबूत मिल चुके हैं। 
इसे मजबूत आधार बनाकर एसआईटी आरोपियों के खिलाफ तैयार की जाने वाली चार्जशीट में शामिल करेगी। बता दें कि अक्तूबर 2019 में एसआईटी ने सभी अधिकारियों के हस्ताक्षर नमूने जांच के लिए भेजे थे।

एसआईटी प्रमुख डीएसपी सिटी मंगत राम ने कहा कि तत्कालीन पांच अफसरों के हस्ताक्षर नमूनों की रिपोर्ट फोरेंसिक लैब से आ चुकी है। 
जांच में भर्ती संबंधी दस्तावेजों में गड़बडि़यां पाई गई हैं। हर पहलू पर तफ्तीश की जा रही है।

24 अक्तूबर, 2003 को निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई। इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरने थे। इन पदों के लिए प्रदेश भर से 17,890 आवेदन आए। 
20 सितंबर, 2004 को 300 की जगह 365 पद भर दिए गए। 12 मई, 2005 को 13 और पद भर दिए। भर्ती दस्तावेजों में कटिंग और ओवर राइटिंग थी। इससे भर्ती विवादों में आ गई।

कोर्ट के आदेश पर 14 मार्च, 2017 को शिमला पुलिस ने तत्कालीन एमडी, डीएम समेत पांच लोगों को आरोपी बनाकर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की। 
जून 2019 को एसआईटी जांच में खुलासा हुआ था कि धर्मशाला मंडल में कंडक्टर भर्ती मामले में 23 ऐसे अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई थी, जो कि इंटरव्यू देने आए ही नहीं थे। साक्षात्कार में इन अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यताओं के नंबर जोड़ दिए गए। इंटरव्यू कमेटी के चेयरमैन ने 15 दिन बाद पैनल के अन्य सदस्यों से हस्ताक्षर करवाए थे।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!