शान्ता कुमार ने कहा कि जिन नेताओं पर डकैती, हत्या, लूट और बलात्कार जैसे गम्भीर आरोप लगे होते हैं पार्टियां उनको भी टिकट देती हैं और चुनाव जीत कर ऐसे लीग विधान सभा और संसद तक पहुंच जाते हैं. शायद यही वजह है कि आज देश-समाज और राजनीतिक क्षेत्र में अपराधियों की संख्या बढ़ रही है और भ्रष्टाचार (Curruption) भी बढ़ रहा है. आम आदमी को कहीं न्याय नहीं मिल रहा है. इस दौरान शांता कुमार ने बेहद विचलित भरे शब्दों में कहा कि दीन दयाल उपाध्याय और अटल जी कहा करते थे कि छल-कपट और दल-बदल से सरकारें तो बदल सकती है, परन्तु समाज बदलने के लिए मूल्य आधारित राजनीति चाहिए. आज उनकी बात भाजपा भी नहीं मान रही।
शांता कुमार (Shanta Kumar)ने कहा कि यही कारण है कि आज़ादी के 74 वर्ष पूरे करने के बाद भी ट्रांसपेरेंसी इन्टरनैशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल है और ग्लोबल हंगर इन्डैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के सबसे गरीब 120 देशों की सूची में नीचे 117 पायदान पर है. 19 करोड़ लोग लगभग भूखे पेट सोते हैं. आज भी अति गरीब घरों की बेटियां खरीदी और बेची जाती हैं. उन्होंने कहा कि इस सबके बाद भी सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मान कर राजनीति में अपराधिकरण समाप्त करने को राजनीतिक दल तैयार नही. आज की कठोर सच्चाई यह है कि पार्टियां वोट के लिए जी रही है, देश के लिए नहीं. शांता कुमार ने कहा कि आज महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय आ जाएं तो सिर पटक-पटक और आंसू बहा कर इस धरा को छोड़ कर ही भाग जाएंगे. मेरी पार्टी भी सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मानने को तैयार नहीं, यह सोच कर मुझे भी शर्म आ रही है।