कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता एवं बिलासपुर सदर क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने इस बात पर भारी आश्चर्य व्यक्त किया है कि पिछले चार वर्षों में भाजपा की जयराम ठाकुर सरकार 61.50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक ऋण बोझ तले दब गई है। किन्तु अब प्रचार यह किया जा रहा है की कर्मचारियों व पेंशनरों के मंहगाई भत्ते का भुगतान करने के लिए प्रदेश सरकार एक हज़ार करोड़ रुपए का और कर्ज ले रही है। बंबर ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जब प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को नियम –कानून के अधीन आर्थिक सुविधाएं देने की बात आती है तो भाजपा सरकार उन्हें बदनाम करने के लिए उनको सुविधाएं देने के नाम पर कर्ज लेने की बात तो करती है , किन्तु जब अपने लिए नया हेलिकॉप्टर और मंत्रियों के लिए चमचमाती मंहगी गाड़ियाँ लेनी होती है तो सरकार यह क्यूँ नहीं बताती कि इस अपव्यय के लिए सरकार कितना कर्ज ले रही है।
बंबर ठाकुर का कहना था कि यह किसे नहीं पता कि वर्षो से हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति कमजोर है। किन्तु इसलिए किसी भी पार्टी को तब तक उत्त्र्दाई नहीं ठहराया जा सकता जब तक वह स्पष्ट रूप से ऋण लेने के औचित्य को प्रकट नहीं करती। बंबर ठाकुर ने कहा कि सरकार के अनुसार उसने अब तक 12, 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस कर्ज को कहाँ सदुपयोग या दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय लिए गए कर्ज के आंकड़ों की तुलना वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के आंकड़ों से नहीं की जा सकती है। क्यूँ कि इस समय कथित धनाभाव के कारण प्रदेश भर में सभी विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। टूट-फूट गई सड़कों तक के रख-रखाव व मुरम्मत आदि करवा पाना इसके लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। जबकि पूर्व कांग्रेस शासन काल में विकास कार्यों की एक लंबी शृंखला खड़ी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।
बंबर ठाकुर ने मांग की ही कि प्रदेश भाजपा सरकार अब तक लिए गए ऋणों बारे श्वेत पत्र जारी करके सारी स्थिति स्पष्ट करे कि आखिर प्राय हर माह लिए जा रहे कर्जे के भारी धन को कहाँ और किन- किन कार्यों पर व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए कर्ज लेने का कुप्रचार बंद करके उन्हें अकारण बदनाम करने की अपनी नीति को तुरंत बंद करना चाहिए।