बताया गया कि आरोपी सरकारी मुलाजिम 10 हजार घूस लेने के बाद और रकम की भी डिमांड कर रहा था। मिली जानकारी के मुताबिक़ सर्वेक्षक लायक राम ने कृषि विभाग की ओर से निर्मित सिंचाई टैंक के मूल्यांकन/सर्वेक्षण के लिए शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपये की कमीशन मांगी और उसे स्वीकार भी किया था।
बताया गया कि सिंचाई टैंक के निर्माण के लिए कुल राशि सात लाख रुपये की राशि निर्धारित थी, जिसमें से 328122 रुपये शिकायतकर्ता को उक्त टैंक के निर्माण के लिए दिए गए थे और शेष राशि विभाग की ओर से उक्त निर्माण में खर्च की गई थी। इस मामले की शिकायत एक शख्स ने विजिलेंस को दी थी, इसके बाद विजिलेंस ने जाल बिछाया।
इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए विजिलेंस के प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग द्वारा निर्मित सिंचाई टैंक के मूल्यांकन/सर्वेक्षण को लेकर घूस (कमीशन) मांगी गई थी। आरोपी सर्वेक्षक के खिलाफ धारा 7 पीसी संशोधित अधिनियम के तहत पीएस एसवी एंड एसीबी, शिमला में मामला दर्ज किया गया है।