यहां बता दे कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप बारूदी सुरंग फटने से हमीरपुर का जवान शहीद हो गया था। कमल छह साल पहले भारतीय सेना की 15 डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। इसी साल अप्रैल में वह घर पर छुट्टियां काटने के बाद वापस अपनी बटालियन में गए थे। कमल की तीन माह बाद अक्तूबर में शादी होनी थी। माता-पिता बेटे के सिर पर सेहरा भी नहीं सजा सके। शहीद कमलदेव अपने पीछे माता-पिता, बड़ा भाई और दो बहनें छोड़ गए हैं। इससे पूर्व शहीद कमल देव की पार्थिव देह हमीरपुर में पैतृक गांव पहुंचते ही जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद कमल का नाम रहेगा और देखो देखो कौन आया शेर आया शेर आया के नारे लगे। पार्थिव देह घर पर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीद का मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। भोरंज की विधायक एवं उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। उपायुक्त देवश्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम भी मौके पर मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश : परिजनों ने निभाई शादी की रस्में ,दुल्हे के रूप में विदा हुए शहीद कमल - पढ़ें पूरी खबर
Sunday, July 25, 2021
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हमीरपुर : हर आंख नम थी, बेटे की पार्थिव देह माता-पिता के सामने थे। गांव का हर व्यक्ति शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए आया हुआ था। अंतिम यात्रा पर निकलने से पहले कमल देव के परिजनों ने शादी की रस्मों को निभाया। बड़े भाई ने दुल्हे के कपड़े भेंट किए। कमल के सिर पर सेहरा बांधने की तैयारी की गई। उसके बाद कमल अंतिम यात्रा पर रवाना हो गए। कमल के अविवाहित होने के कारण परिजनों ने शादी की सभी रस्में निभाई। 27 वर्षीय कमल देव वर्ष 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और इसी साल अक्तूबर में उनकी शादी तय थी।
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