उनके अंतिम संस्कार में उमड़े जन सैलाब से साफ है कि वीरभद्र सिंह कितने लोकप्रिय व जन मानस के नेता थे। राठौर ने कहा कि हमारे बीच से एक ऐसा लोकप्रिय नेता चला गया जो सबके दिलों में वास करता था। अब हमारे पास उनकी स्मृतियां शेष रह गई हैं। उन स्मृतियों को याद रखना हमारा नैतिक कर्तव्य ही नहीं है, बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी भी है। लोकतंत्र में किसी भी राजनैतिक दल की सरकारें आती है जाती हैं, किसी भी राजनैतिक दल के कुछ ही नेता लोगों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ जाते है, जो लोगों के दिलो में बस जाती है। वीरभद्र सिंह उनमें से एक हैं जो लोगों के दिलों में बस गए हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां प्रदेश के निर्माण में डॉ.यशवंत सिंह परमार के योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता, वहीं प्रदेश के नव निर्माण में ‘राजा’ वीरभद्र सिंह को भी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। पहाड़ी राज्यों के विकास में आज हिमाचल प्रदेश एक विशेष स्थान रखता है जिसका पूरा श्रेय वीरभद्र सिंह को ही जाता है। राठौर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की यह इच्छा है कि वीरभद्र सिंह की याद में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में उनकी स्मृति में कोई स्मारक बने।
अतः प्रदेश कांग्रेस उनकी एक प्रतिमा रिज मैदान में स्थापित करना चाहती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि रिज मैदान पर कांग्रेस को कोई उपयुक्त स्थान उपलब्ध करवाया जाए, जिससे वह अपने जन नायक और आधुनिक हिमाचल के निर्माता श्रधेय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को स्थापित कर सकें। साथ ही सीएम यह भी आग्रह किया है कि सरकार किसी बड़े सरकारी संस्थान का नाम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर रखे, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बता दें कि इससे पहले, रिज मैदान पर अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा, इंदिरा गांधी की मूर्ति भी लगी हुई है।