हमीरपुर : आर एम की ट्रांसफर का निर्णय चालक - परिचालक नहीं लेंगे - परिवहन मंत्री

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एचआरटीसी आरएम के तबादले के मुद्दे पर कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन पर परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने तल्खी दिखाते हुए सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। शनिवार को हमीरपुर में परिवहन मंत्री ने कहा कि शिमला में एचआरटीसी के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूण है। आरएम के तबादले का निर्णय बस चालक और परिचालक नहीं लेंगे। अगर यह मामला जल्द शांत नहीं हुआ तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

परिवहन मंत्री ने कहा कि 15 साल तक एक जगह पर नौकरी करने वाले अधिकारी ने जिस तरह की परिस्थितियां पैदा की हैं, उनकी गहनता से जांच की जाएगी और अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। सरकार ने तबादला करके किसी अधिकारी को सजा नहीं दी। जिस अधिकारी को शिमला में आरएम लगाया है, वह कैंसर से पीड़ित है। बीमारी के चलते वह नेरवा नहीं जाना चाहता।

शिमला वाले को नेरवा भेजा गया, क्योंकि शिमला के नेरवा में एचआरटीसी का नया यूनिट खोला गया है। जहां पर एक अनुभवी व वरिष्ठ अधिकारी की आवश्यकता है। अनुभव को देखते हुए आरएम को शिमला से नेरवा के लिए बदला गया है। एचआरटीसी के चालक-परिचालक इस तबादले पर बेवजह सवाल उठा रहे हैं। तीन साल के बाद किसी भी कर्मचारी का तबादला किया जा सकता है। किस कर्मचारी को कहां भेजना है, यह सरकार तय करती है। परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार ने एचआरटीसी के लिए 205 नई बसें खरीदने का प्रावधान किया गया है।

प्रारंभिक औपचारिकताएं अति शीघ्र पूरी की जा रही हैं। बहुत सी ऐसी बसें हैं जो अपने अधिकतम किलोमीटर तय कर चुकी हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नई बसें ली जा रही हैं। एचआरटीसी की स्थिति कोरोना काल में थोड़ी खराब थी, लेकिन अब अंतरराज्यीय बस रूटों के शुरू होने से काफी हद तक सकारात्मक परिणाम आने शुरू हुए हैं। अगर परिस्थितियां नियंत्रण में रहीं तो एसओपी के तहत निगम सभी रूटों पर बस सेवाएं शुरू करेगा। डिमांड के अनुसार रूट बढ़ाए जा रहे हैं।

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