शिमला : हिमाचल सरकार प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घटने के बाद अनलाक प्रक्रिया में कई तरह की पाबंदियां कम करने का विचार कर रही है। इस तरह की पाबंदियों में पर्यटकों के लिए प्रवेश को खोलना भी शामिल है। पांच जून को प्रस्तावित मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन अर्थव्यवस्था को खोलने पर चर्चा होगी। इस पर विचार किया जा रहा है कि 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की जगह रैट यानि रैपिड एंटिजन टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर पर्यटकों को प्रवेश दिया जाए। पर्यटन व्यवसायियों की ओर से सरकार के समक्ष मामला उठाया गया है कि इस समय केवल दो फीसद पर्यटक ही आ रहे हैं।
समूचे पर्यटन उद्योग की ओर से मांग रखी गई है कि कोरोना कर्फ्यू में सरकार की ओर से अनलाक की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें आरटीपीसीआर रिपोर्ट की शर्त को खत्म किया जाए। इस उद्योग में प्रत्यक्ष या फिर परोक्ष रूप से प्रदेश के पंद्रह लाख लोग जुड़े हैं, जिनकी आजीविका पर्यटन के सहारे चलती है। प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष मांग उठाई है।
पर्यटन उद्योग में होटल व्यवसायी, होम स्टे कारोबारी, बीएंडबी, टैक्सी आपरेटर सहित स्थानीय स्तर पर किसान और बागवानों के उत्पाद भी इसका हिस्सा हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र की करीब दस फीसद हिस्सेदारी है।
कोरोना संक्रमण 10 फीसद से कम
प्रदेश में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले दस फीसद से कम आ रहे हैं। ऐसे में रोजाना औसत संक्रमित मामले एक हजार से नीचे रह रहे हैं और संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी घटकर अब तीस या इसके आसपास आ गया है। ऐसे में अनलाक प्रक्रिया में सरकार के लिए कई तरह की ढिलाई देने का दबाव रहेगा।
सात राज्यों पर लगी है पाबंदी
सरकार ने कोरोना संक्रमण से प्रभावित देश के सात राज्यों के पर्यटकों का प्रदेश में प्रवेश प्रतिबंधित किया था। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान शामिल थे। इन राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 26 अप्रैल को एडवाइजरी जारी की गई थी। पहले तो सरकार को उस दिशा-निर्देश को वापस लेना होगा। उसके बाद आरटीपीसीआर रिपोर्ट की शर्त को खत्म करना पड़ेगा।
क्या कहता है पर्यटन कारोबारी वर्ग
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ का कहना है 72 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर रिपोर्ट किसी भी व्यक्ति के लिए लेकर आना संभव नहीं है, क्योंकि रिपोर्ट आने में देरी होती है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से प्रदेश बाहर निकल रहा है। ऐसे में पर्यटन क्षेत्र का व्यवसायी चाहता है कि अब केवल रैपिड रिपोर्ट को आधार रखा जाए।