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शिमला, 23 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार स्कूली छात्रों की सुविधा और शिक्षा की पहुंच को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। पहाड़ी और दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले वे छात्र, जिन्हें स्कूल पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, अब यात्रा खर्च की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। सरकार ऐसे विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता देने की तैयारी में है, जिसके लिए शिक्षा विभाग को नई परिवहन नीति तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दूरी या परिवहन की कमी किसी भी बच्चे की शिक्षा में बाधा न बने।
यह फैसला शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में सरकारी स्कूलों में कम नामांकन, स्कूलों के विलय, हिम बस कार्ड व्यवस्था और परिवहन सुविधाओं को लेकर नियमों में बदलाव पर विस्तार से चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों में सरकारी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां छात्रों को निजी बसों में सफर के लिए सरकार की ओर से भत्ता दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर सुधार कर रही है। इसी दिशा में प्रदेश में सीबीएसई शिक्षा के विस्तार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र से 100 नए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूल शुरू करने की योजना है, जिनमें से 94 स्कूलों को पहले ही संबद्धता मिल चुकी है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स और गणित जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षकों को अंग्रेजी माध्यम में अध्यापन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सीबीएसई स्कूलों के लिए शिक्षकों का अलग सब-कैडर तैयार किया जा रहा है, ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ी एसओपी को भी जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
बैठक में 2025-26 के लिए सीमित सीधी भर्ती (एलडीआर) परीक्षा की समीक्षा की गई। इसके तहत 1,427 एसएमसी शिक्षकों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है। इसके अलावा 389 सहायक आचार्यों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अन्य लंबित भर्तियों को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरा करने पर जोर दिया।
सरकार ने शून्य नामांकन वाले स्कूलों के विलय और शिक्षकों की तैनाती को वास्तविक जरूरत के अनुसार युक्तिसंगत बनाने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि कोटखाई और पांवटा साहिब में नए केंद्रीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री ने संबंधित औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। सरकार का मानना है कि नई परिवहन नीति, यात्रा भत्ता और व्यापक शैक्षणिक सुधारों से न केवल छात्रों की स्कूल तक पहुंच आसान होगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी।
