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हिमाचल: सैंकड़ों लोगों की जान बचाकर शहीद हुआ हिमाचल का बेटा, आज घर पहुंचेगी पार्थिव देह

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न्यूज अपडेट्स 
कांगड़ा, 23 नवंबर। दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना के तेजस लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। लेकिन इस दुखद हादसे में भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के वीर सपूत विंग कमांडर नमांश स्याल ने असाधारण साहस और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान बचा ली।

एयर शो स्थल पर हजारों दर्शकों की मौजूदगी में जब तेजस विमान में तकनीकी समस्या आई, तो विंग कमांडर नमांश स्याल के पास कुछ ही पल का समय था। दुर्घटना क्षणों में, उन्होंने विमान को भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से हटाकर खुले इलाके की ओर मोड़ दिया।

अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना, उन्होंने सिर्फ एक ही लक्ष्य देखा-लोगों की जान किसी भी कीमत पर बच जाए। उनकी तत्परता और दक्ष निर्णय ने एक बड़े पैमाने पर होने वाली त्रासदी को टाल दिया। परंतु इस वीरतापूर्ण प्रयास में वे स्वयं शहीद हो गए। देश इस बलिदान को सदा स्मरण रखेगा।

विंग कमांडर नमांश स्याल अपने पीछे पत्नी-जो स्वयं भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर हैं और पहली कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को छोड़ गए हैं। नमांश के माता-पिता बीते कुछ समय से हैदराबाद में बेटे के साथ रह रहे थे।

परिजनों के अनुसार, दुबई एयर शो के लिए रवाना होने से ठीक पहले नमांश ने अपने पिता को वापस घर लौटने के लिए कहा था। किसी को अंदाजा नहीं था कि यह बातचीत परिवार के साथ उनकी आखिरी मुलाकातों में से एक साबित होगी।

नमांश के पिता ने बताया कि वो Youtube पर लाइव स्ट्रीम पर नमांश की उड़ान देख रहे थे। मगर उन्हें क्या पता था कि ये नमांश की आखिरी उड़ान होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने लाडले की मौत को YouTube पर लाइव देखा। इस बुरा एक पिता के साथ और क्या ही हो सकता है।

नमांश के ताया ने बताया कि नमन हमेशा देश के प्रति जिम्मेदारी को प्राथमिकता देते थे। उनका यह सर्वोच्च बलिदान उसी कर्तव्यनिष्ठा का अमर प्रमाण है। परिवार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर दुबई से कोयम्बटूर एयरबेस पहुंचा। वहां से रविवार दोपहर करीब 2 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने की उम्मीद है।

एयरपोर्ट पर वायुसेना, जिला प्रशासन और हजारों लोगों की मौजूदगी में शहीद को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पटियालकड़ (नगरोटा बगवां) ले जाया जाएगा। जहां पर सैन्य सम्मान और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। नमांश की पत्नी और बेटी भी आज हिमाचल पहुंचेंगी।

SDM नगरोटा बगवां मुनीष शर्मा ने पुष्टि की कि दुर्घटना के वक्त तेजस विमान की कमान विंग कमांडर नमांश स्याल के हाथों में थी। उन्होंने कहा कि जिस सूझबूझ और साहस के साथ नमांश ने अंतिम क्षणों में निर्णय लिए, वह भारतीय वायुसेना की गौरवशाली परंपरा और हिमाचल के वीरों की अमिट पहचान को दर्शाता है।

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