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बिलासपुर, 25 अक्तूबर। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला मुख्यालय बिलासपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधीक्षण अभियंता जीत सिंह ठाकुर ने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास की आधारशिला साबित हुई है। इस योजना ने गांवों को शहरों से जोड़कर करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है और ग्रामीण विकास की दिशा में नई राह खोली है।
उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से एक सुदृढ़ और व्यापक सड़क नेटवर्क का निर्माण किया गया है, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों को नई गति दी है। योजना का मुख्य उद्देश्य हर मौसम में टिकाऊ सड़कों का निर्माण कर ग्रामीण आबादी को मुख्यधारा से जोड़ना है।
अधीक्षण अभियंता ने बताया कि अब तक बिलासपुर जिले की कुल 624 आवासीय बस्तियां सड़क सुविधा से जुड़ चुकी हैं, जिससे हजारों परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। बेहतर सड़क संपर्क के चलते ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विपणन और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंच और अधिक सुगम हुई है।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना–I के तहत 133 बस्तियों को सड़क संपर्क से जोड़ा गया है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना–II में 6 सड़कों के माध्यम से 27 बस्तियों को लाभ मिला है, जिनकी कुल लंबाई 66.32 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना–III के तहत 19 सड़कों के माध्यम से 464 बस्तियों को जोड़ा गया है, जिनकी कुल लंबाई 184.62 किलोमीटर है।
उन्होंने कहा कि योजना के तीनों चरणों के माध्यम से बिलासपुर जिले के लगभग सभी दुर्गम और पिछड़े क्षेत्रों को सड़क सुविधा से जोड़ने में सफलता प्राप्त की गई है।
अधीक्षण अभियंता ने आगे बताया कि योजना–I और II के तहत कुल 157 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि योजना–III के अंतर्गत 19 सड़कें निर्माणाधीन हैं। अब तक 862.71 किलोमीटर लंबाई का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि 112.18 किलोमीटर लंबाई का कार्य प्रगति पर है। इन परियोजनाओं पर 452 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल ग्रामीण संपर्क व्यवस्था को अभूतपूर्व मजबूती मिली है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोज़गार और आर्थिक गतिविधियों को भी नया प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है।
