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चंडीगढ़, 09 अक्टूबर। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आया है। उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने हरियाणा के डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। चार पन्नों की इस शिकायत में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं।
अमनीत पी कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर उत्पीड़न और जाति-आधारित भेदभाव के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन अधिकारियों की वजह से ही उनके पति ने आत्महत्या की। यह मामला तब सामने आया जब अमनीत जापान के आधिकारिक दौरे से लौटीं।
शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि डीजीपी कपूर के कहने पर उनके पति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया। यह केस नंबर 0319/2025 था जो एक सोची-समझी साजिश थी। इसी कारण उनके पति ने निराश होकर आत्महत्या कर ली।
शिकायत में जाति-आधारित भेदभाव के भी आरोप लगे हैं। अमनीत ने कहा कि उनके पति को एससी/एसटी समुदाय से होने के कारण गालियां दी गईं। उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आत्महता से पहले आईपीएस अधिकारी ने अपनी पत्नी को 15 बार फोन किया था। उस समय अमनीत जापान में मुख्यमंत्री के साथ आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल थीं। वह इन कॉल्स का जवाब नहीं दे पाईं।
बाद में मिस्ड कॉल्स देखकर चिंतित अमनीत ने अपनी बेटी से संपर्क किया। उन्होंने बेटी से पिता का हालचाल जानने को कहा। इसके बाद ही उन्हें पता चला कि उनके पति ने आत्महता कर ली है। यह घटना सभी के लिए सदमे की थी।
साल 2020 में वाई पूरन कुमार का तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव के साथ विवाद हुआ था। तीन अगस्त 2020 को छुट्टी के दिन कुमार शहजादपुर थाने में बने मंदिर में गए थे। डीजीपी यादव ने उनसे मंदिर की अनुमति के बारे में पूछा था।
कुमार ने जवाब दिया कि मंदिर उनकी नियुक्ति से पहले का है। उन्होंने कहा कि डीजीपी सार्वजनिक अवकाश के दिन पूजा करने से नहीं रोक सकते। इसके बाद कुमार ने डीजीपी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक मामला पहुंचाया।
वाई पूरन कुमार ने डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ अंबाला एसपी को शिकायत दर्ज कराई। कार्रवाई न होने पर उन्होंने गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार तक मामला पहुंचाया। गृह विभाग ने जांच के बाद शिकायत खारिज कर दी।
इसके बाद कुमार हाईकोर्ट गए। लेकिन हाईकोर्ट ने भी मामले को अनावश्यक बताकर खारिज कर दिया। यह सिलसिला लंबे समय तक चला। अब उनकी पत्नी ने नए सिरे से मामला उठाया है। इसके बाद पूरे मामले की फिर से जांच होगी।
