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शिमला, 30 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों के मानदेय में बड़ी वृद्धि का फैसला किया है। पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्करों के लिए अलग-अलग स्लैब बनाए जाएंगे। इन कर्मचारियों का मासिक मानदेय 10,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।
इस समय इन वर्गों के कर्मचारियों को 5,500 से 6,000 रुपये के करीब मानदेय मिल रहा है। नई व्यवस्था में यह राशि लगभग दोगुनी हो जाएगी। राज्य सरकार का यह कदम कर्मचारियों के कठिन परिश्रम को देखते हुए उठाया जा रहा है। विभाग ने इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इन कर्मचारियों ने हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान उल्लेखनीय कार्य किया था। मंडी, सिरमौर, चंबा और कुल्लू जैसे जिलों में इन्होंने दिन-रात एक करके काम किया। पानी की आपूर्ति बनाए रखने के लिए इन्होंने पाइपलाइनों की मरम्मत की। लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
जल शक्ति विभाग में लगभग 10,000 ऐसे कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें 4,019 मल्टीपर्पज वर्कर, 2,307 पंप ऑपरेटर और 1,019 पैरा फिटर शामिल हैं। विभाग में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए भविष्य में और भर्तियां की जाएंगी। सरकार मल्टीपर्पज वर्करों के भर्ती नियम भी तैयार करेगी।
विभाग के 1300 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट का दायित्व दिया गया है। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक कार्यालयों में चपरासी के पद भरे नहीं जाते। शेष बचे जल रक्षकों को भी जल्द ही पंप अटेंडेंट बनाया जाएगा। इससे विभाग के कामकाज में सुधार होगा।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस योजना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यह फैसला कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम साबित होगा।
