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नई दिल्ली, 22 जुलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की घोषणा की। धनखड़ ने चिकित्सीय सलाह का पालन करने और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। धनखड़ ने तीन साल पहले 6 अगस्त को 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू में हुआ। उन्होंने उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। 1989 से 1991 तक वह झुंझुनू से सांसद रहे। धनखड़ ने वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकारों में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने जयपुर में लंबे समय तक वकालत की और कानून की पढ़ाई राजस्थान विश्वविद्यालय से पूरी की।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव में हुई। बाद में वह चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में पढ़े। एनडीए में उनका चयन हुआ, लेकिन उन्होंने पढ़ाई को प्राथमिकता दी। राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। जयपुर में वकालत के दौरान उन्होंने ख्याति अर्जित की। उनके करियर में शिक्षा और कानून के प्रति समर्पण स्पष्ट दिखता है। धनखड़ ने अपने पेशेवर जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं।
स्वास्थ्य समस्याएं और हालिया घटनाक्रम
मार्च में हार्ट संबंधी समस्या के कारण धनखड़ को एम्स में भर्ती किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में उनसे मुलाकात की थी। उनके इस्तीफे का समय संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के साथ मेल खाता है। इससे राज्यसभा सभापति की भूमिका में उनकी अनुपस्थिति खलेगी। धनखड़ का उपराष्ट्रपति कार्यकाल दो साल बाद समाप्त होने वाला था। उनके इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है।