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कुल्लू, 12 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में इन दिनों पानी के बिलों में आई बेतहाशा वृद्धि को लेकर जनता में गुस्सा साफ देखने को मिल रहा है। कई उपभोक्ताओं ने जल शक्ति विभाग के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है और अब इस मामले में कुल्लू के विधायक एवं पूर्व सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर भी खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार की विभागीय नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो वह इस मामले को कानूनी स्तर पर भी उठाने के लिए तैयार हैं।
नया टैरिफ सरासर अनुचित
बतौर रिपोर्टर्स, जिला कुल्लू के तहत आते ढालपुर क्षेत्र के दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत में विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि कुल्लू में हाल ही में जल शक्ति विभाग द्वारा जो नया टैरिफ लागू किया गया है, वह सरासर अनुचित है। उन्होंने कहा कि यह टैरिफ शिमला शहर की तर्ज पर तैयार किया गया है, जहां पानी की आपूर्ति मोटरों की सहायता से लिफ्टिंग करके की जाती है और उसमें बिजली का भारी खर्च होता है।
जबकि कुल्लू में जल स्रोत ग्रेविटी बेस्ड हैं, यानी पानी स्वयं नीचे की ओर बहता है, जिससे विभाग का कोई विशेष खर्च नहीं होता। ऐसे में यहां शिमला जैसा टैरिफ लागू करना गलत है। विधायक सुंदर सिंह ने कहा कि, इस मुद्दे को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के समक्ष भी रखा गया है और जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों से भी जल्द बैठक की जाएगी ताकि कुल्लू शहर के लोगों को राहत मिल सके।
जल शक्ति विभाग ने दी सफाई
उधर, जल शक्ति विभाग के एक अधिकारी का बताया कि यदि कोई उपभोक्ता प्रतिदिन 750 लीटर पानी का उपभोग करता है तो उसका मासिक बिल लगभग ₹526 बनता है। वहीं, 1000 लीटर प्रतिदिन खपत करने पर यह राशि ₹950 तक पहुंच जाती है, जिसमें सीवरेज चार्ज भी शामिल हैं।
कुल्लू में 4,800 उपभोक्ताओं को बिल भेजे गए हैं, जिनमें से 3,534 का बिल ₹10,000 से कम आया है। 2,619 उपभोक्ताओं का तीन महीने का बिल ₹3,000 के आसपास रहा है। साथ ही अब किराएदारों वाले घरों में पानी की अधिक खपत होने पर अतिरिक्त बिल देना होगा। जनता इस नई दर प्रणाली को लेकर असंतुष्ट है और विभाग से इसकी समीक्षा की मांग कर रही है।