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शिमला, 18 जुलाई। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त यात्रियों को भी टिकट देना अनिवार्य है। इन्हें टिकटिंग मशीन से जीरो पेमेंट वाला टिकट देना अनिवार्य है। यदि कोई परिचालक टिकट नहीं देता और निरीक्षण के दौरान पकड़ा जाता है तो कार्रवाई के तौर पर उसका पूरे महीने का वेतन काटा जाएगा।
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सभी मंडलीय व क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वह इस बाबत परिचालकों को भी सूचित करें। परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि वह इन नियमों का सख्ती से पालन करें।
निगम के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि वेतन रोकने की कार्रवाई केवल परिचालक तक ही समिति नहीं रहेगी। बस का यदि दोबारा निरीक्षण होता है, और दोबारा ऐसी गलती पकड़ी जाती है तो पहले बस का निरीक्षण कर चुकी टीम के सदस्यों जिनमें इंस्पेक्टर, लाइन इंसपेक्टर व अन्य अधिकारी या कर्मचारी शामिल थे, उनका वेतन रोकने की भी कार्रवाई होगी। निगम प्रबंधन ने पिछले साल 23 अगस्त को निशुल्क यात्रा वाली श्रेणियों को जीरो टिकट देने के निर्देश दिए थे। अब इसमें कार्रवाई का प्रविधान जोड़ा गया है।
इन श्रेणियों को है निःशुल्क यात्रा की सुविधा
एचआरटीसी की बसों में स्कूल के विद्यार्थी, पुलिस कर्मचारी, दिव्यांग, थैलिसिमिया रोगी, कैंसर रोगी, मीडिया पर्सन सहित कुछ अन्य श्रेणियां हैं। सरकार ने इन्हें यह सुविधा दी है। इसकी एवज में सरकार हर महीने एचआरटीसी को 50 से 60 करोड़ का अनुदान देती है। एचआरटीसी निशुल्क यात्रा के अलावा महिलाओं को 50 प्रतिशत रियायत बस किराए में देता है। इसके अलावा ग्रीन कार्ड, सम्मान कार्ड, स्मार्ट कार्ड पर भी किराये में छूट दी जाती है। रोजाना करीब 50 लाख का रियायती सफर निगम करवाता है।