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रिकांगपिओ, 17 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के वीरगति हासिल करने वाले 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। पुष्पेंद्र की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। लोगों ने वीर जवान अमर रहे के नारों के साथ पुष्पेंद्र को अंतिम विदाई दी।
पंचतत्व में विलीन हुए पुष्पेंद्र
पुष्पेंद्र की पार्थिव देह आज सुबह ही उनके घर पहुंची थी। पुष्पेंद्र को तिरंगे में लिपटा देखकर परिजनों में चीख-पुकार मच गई। पार्थिव देह को कुछ देर घर में रखने के बाद पुष्पेंद्र का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
6 साल के मासूम ने दी मुखाग्नि
पुष्पेंद्र के 6 साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले पुष्पेंद्र की पत्नी कीर्ति नेगी ने घर से अपने पति को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। कीर्ति नेगी ने सैल्यूट करते हुए कहा कि मैं हमेशा आपके नाम से ही जिऊंगी। अपने साथ किसी ओर का नाम नहीं जुड़ने दूंगी।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
बता दें कि पुष्पेंद्र के परिजन मंगलवार से बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं- ताकि वो आखिरी बार अपने लाडले को जी भर के निहार सकें। पुष्पेंद्र के जाने से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी और मां पार्थिव देह से लिपट-लिपट कर खूब रोई। पुष्पेंद्र के पिता का भी रो-रो कर बुरा हाल है। 6 साल का मासूम एक टक लगाए हुए परिजनों को रोता-बिलाखता देख रहा है।
11 दिन पहले ही ज्वाइन की थी ड्यूटी
परिजनों ने बताया कि पुष्पेंद्र बीते कुछ दिनों छुट्टी पर घर आया हुआ था। अभी 11 दिन पहले ही पुष्पेंद्र वापस ड्यूटी पर लौटा था। परिजनों को क्या पता था कि इसके बाद पुष्पेंद्र तिरंगे में लिपटकर घर आएगा।
असम में तैनात थे पुष्पेंद्र
शहीद 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी किन्नौर जिले की सांगला तहसील के छोटे से गांव थैमगारंग के रहने वाले थे। वह 19 डोगरा रेजीमेंट में तैनात थे और इस समय असम में ड्यूटी दे रहे थे। उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही न सिर्फ उनके गांव बल्कि पूरे किन्नौर जनपद में शोक की लहर दौड़ गई है।
गिरी पेड़ की टहनी
जानकारी के अनुसार, नायक पुष्पेंद्र असम में ड्यूटी के दौरान अचानक आई तेज हवाओं के बीच पेड़ की भारी टहनी की चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही उनकी जान चली गई। सेना ने मंगलवार देर शाम यह दुखद समाचार पुष्पेंद्र के परिवार को फोन पर दिया। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
मासूम ने खोया पिता
नायक पुष्पेंद्र की मौत से उनके घर में पिता महेंद्र सिंह नेगी, माता सरला देवी, पत्नी कीर्ति नेगी और छह वर्षीय बेटे एतिक को गहरा आघात लगा है। गांव में हर आंख नम है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके घर पर लगातार लोगों का तांता लगा हुआ है, जो इस अपूरणीय क्षति पर परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं।