224 लाख की लागत से बना पुल बाढ़ में बहा, चार पंचायतों का टूटा संपर्क – ग्रामीणों की चेतावनी के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

News Updates Network
0
न्यूज अपडेट्स 
बघेईगढ़/चुराह, 6 जुलाई। चंबा जिले के चुराह उपमंडल में रविवार को आई बाढ़ ने एक बार फिर से सरकारी लापरवाही और ठेकेदारी निर्माण प्रणाली की पोल खोल दी। ग्राम पंचायत बघेईगढ़ के कँगेला नाला पर 224 लाख रुपये की लागत से बना पुल तेज बारिश के चलते बह गया, जिससे क्षेत्र की चार पंचायतों — चरड़ा, चांजू, देहरा और बघेईगढ़ — का मुख्य संपर्क मार्ग पूरी तरह से टूट गया है। इन पंचायतों का बाहरी दुनिया से संपर्क अब पूरी तरह कट गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुल निर्माण के दौरान ठेकेदार ने भारी मात्रा में मलबा कँगेला नाले में ही डाल दिया था, जिससे नाले की जलधारा अवरुद्ध हुई और पुल के नीचे से बहाव की ऊँचाई (हाइड) कम हो गई। नतीजन, तेज बारिश के चलते पानी का दबाव बढ़ा और पुल बह गया।

ग्रामीणों ने बताया कि इस संभावित खतरे के बारे में समय रहते SDO तीसा और प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री बिक्रमादित्य सिंह को पत्र लिखकर चेताया गया था, लेकिन न तो कोई निरीक्षण हुआ और न ही सुधारात्मक कदम उठाए गए। अब जब पुल बह चुका है, तो पूरा इलाका संकट में है — न राशन पहुंच रहा है, न दवाइयां, और न ही आपातकालीन सेवाएं।

स्थानीय लोगों की प्रमुख मांगे

1. सरकार तुरंत वैकल्पिक मार्ग बनाकर आवाजाही बहाल करे।
2. प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
3. पुल निर्माण में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच हो।
4. दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल पुल बहने का नहीं है, बल्कि हजारों लोगों की जिंदगी, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाएं और आर्थिक गतिविधियां इससे प्रभावित हो रही हैं। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार अविलंब संज्ञान ले और आवश्यक राहत व पुनर्निर्माण कार्य शुरू करे।

कुदरत के कहर से ज्यादा सिस्टम की लापरवाही बना कारण 

चुराह उपमंडल में हमारी पंचायत बघेईगढ़ के कंगेला नाला मे बना पुल बह गया। ऊपरी क्षेत्र मे बादल फटने की वजह से बाढ़ आई जिसमे पुल बह गया। पुल के बहने की वजह कुदरत के कहर से ज्यादा लोoनिoविo व ठेकेदार की लापरवाही है। क्यूंकि पुल निर्माण के दौरान निकले मलवे को ठेकेदार द्वारा पुल के नीचे इकठ्ठा किया गया जिसे उसने पुल की शटरिंग करने मे इस्तेमाल किया। और निर्माण के बाद उस मलवे को वैसे ही छोड़ दिया जिस वजह से नाले से पुल की ऊंचाई बहुत कम हो गई थी। मेरा प्रशासन से निवेदन है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए। निर्माण मे ज़िम्मेदार अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही हो और ठेकेदार से दोबारा मुफ्त मे पुल का निर्माण करवाया जाए अन्यथा उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top