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दिल्ली, 06 मई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने युद्ध मोड ऑन कर दिया है। भारत-पाक तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह 1971 के बाद पहली ऐसी व्यापक नागरिक सुरक्षा कवायद होगी। ड्रिल में नागरिकों और छात्रों को हवाई हमले, आग और फायरिंग जैसी आपात स्थितियों में बचाव की ट्रेनिंग दी जाएगी। भारत ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है और नौसेना को समुद्री क्षेत्र में अलर्ट पर रखा है। दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकें चल रही हैं, जो रणनीतिक और कूटनीतिक तैयारियों पर केंद्रित हैं। यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने और देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
युद्ध मोड ऑन: सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के निर्देश
गृह मंत्रालय ने मॉक ड्रिल के लिए पाँच प्रमुख उपायों का निर्देश दिया। पहला, हवाई हमले के सायरन का संचालन। दूसरा, नागरिकों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग। तीसरा, क्रैश ब्लैकआउट उपाय। चौथा, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने की व्यवस्था। पाँचवाँ, निकासी योजनाओं का रिहर्सल। यह ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में होगी। मंत्रालय का लक्ष्य आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। यह कदम युद्ध मोड ऑन की स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि भारत किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।
सैन्य और कूटनीतिक रणनीति
भारत ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई है। वायुसेना और नौसेना को उच्च अलर्ट पर रखा गया है। जल, थल और नभ से हमले की रणनीति तैयार की जा रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान की घेराबंदी कर रहा है। मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, पुलिस और अग्निशमन सेवाएँ शामिल होंगी। यह कवायद इजराइल और यूक्रेन जैसे देशों की तर्ज पर नागरिक सुरक्षा को मजबूत करेगी। मंत्रालय ने राज्यों से नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने और घबराहट रोकने को कहा है।
पहलगाम हमले का असर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसमें नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शामिल थे। इस घटना ने भारत-पाक तनाव को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। पाकिस्तान पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप है, जिससे उसकी वैश्विक स्तर पर किरकिरी हो रही है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है। हमले के बाद भारत का रुख सख्त हुआ है, और युद्ध मोड ऑन की स्थिति साफ दिख रही है।
नागरिक सुरक्षा की जरूरत
7 मई की मॉक ड्रिल में सायरन टेस्टिंग, निकासी योजनाएँ और ब्लैकआउट उपाय शामिल होंगे। यह कवायद नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार करेगी। गृह मंत्रालय ने राज्यों से ड्रिल के दौरान यातायात व्यवधान को कम करने और नागरिकों में घबराहट रोकने के लिए पहले से सूचना देने को कहा है। यह पहल 2022 की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें 777 महत्वपूर्ण स्थानों को जोखिम में बताया गया था। ड्रिल से समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ेगी।
रणनीतिक और कूटनीतिक कदम
भारत ने जल, थल और नभ में रणनीतिक तैयारियाँ तेज कर दी हैं। वायुसेना के मिसाइल डिफेंस सिस्टम और नौसेना की तैनाती से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा है। कूटनीतिक मोर्चे पर भारत ने वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई है। गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। यह तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है।