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कांगड़ा, 12 मई। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव और सीमाओं पर लगातार हो रही झड़पों के बीच हिमाचल के जिला कांगड़ा स्थित इंदौरा से राष्ट्रभक्ति की एक प्रेरणादायक खबर सामने आई है। यहां विहिप से जुड़े समाजसेवी और डेकवा पाठशाला के प्रिंसिपल राजीव विशिष्ट ने देश की सुरक्षा और सैन्य सशक्तिकरण के लिए अपनी एक साल की सैलरी दान कर दी है।
प्रिंसिपल राजीव विशिष्ट ने समर्पित की सैलरी
पाकिस्तान की ओर से आए दिन हो रहे उकसावे, ऑपरेशन सिन्दूर जैसे जवाबी सैन्य अभियानों और साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं ने देशभर में राष्ट्र सुरक्षा को लेकर गंभीरता बढ़ा दी है। ऐसे माहौल में जब सैनिक सरहद पर खड़े हैं, इंदौरा के प्रिंसिपल राजीव विशिष्ट ने शिक्षा जगत से एक अनूठा संदेश दिया है कि राष्ट्र की रक्षा सिर्फ बंदूक से नहीं, भावना और सहयोग से भी होती है।
देश की सेवा के लिए समर्पित टीचर
राजीव विशिष्ट ने यह घोषणा करते हुए कहा कि जब देश पर खतरा मंडरा रहा हो, तब हर नागरिक का फर्ज बनता है कि वह अपनी क्षमता अनुसार योगदान दे। उन्होंने कहा कि यह सैलरी कोई बलिदान नहीं, बल्कि कर्ज़ है उस मिट्टी का, जिसने हमें आज़ाद हवा में सांस लेना सिखाया। उनकी यह पहल न केवल शिक्षकों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि आम नागरिकों को भी यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सिर्फ सेना से उम्मीद रखेंगे, या देश की सुरक्षा के लिए खुद भी आगे आएंगे।
सोशल मीडिया पर चर्चा
राजीव विशिष्ट की यह देशभक्ति भरी पहल अब सोशल मीडिया पर भी सराही जा रही है। कई युवाओं ने इसे 'नई पीढ़ी के लिए आदर्श कदम' बताया है। बता दें कि सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी खुद राजीव ने दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि मेरी 1 साल की सैलरी भारतीय सेना के नाम। जिसके बाद कई लोगों ने उनके पोस्ट को शेयर किया और उनके देश के प्रति प्रेम को सराहा।