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पंजाब। पंजाब के अबोहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पंजाब रोडवेज की बस में चालक और परिचालक ने एक युवती, उसकी मां और भाई के साथ बेरहमी से मारपीट की। पीड़िता प्रियंका ने इस गुंडागर्दी की शिकायत पुलिस को दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला अब तूल पकड़ रहा है, और स्थानीय लोग व भाजपा नेता सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं। आइए, इस घटना की पूरी कहानी जानते हैं।
मां-बेटी पर टूट पड़े चालक-परिचालक
यह शर्मनाक घटना 8 अप्रैल 2025 को सुबह साढ़े छह बजे की है। अबोहर के गुमजाल गांव की रहने वाली प्रियंका श्रीगंगानगर से पंजाब रोडवेज की बस में सवार होकर आ रही थी। उसने कंडक्टर को पहले ही बता दिया था कि उसकी मां गुमजाल बस स्टैंड पर चढ़ेंगी। लेकिन चालक और कंडक्टर ने बस को गुमजाल पर नहीं रोका। जब प्रियंका की मां और भाई अभिमन्यु उस्मान खेड़ा बस स्टैंड पर बस में चढ़े और इस बारे में सवाल किया, तो चालक और कंडक्टर भड़क गए। प्रियंका के मुताबिक, दोनों ने पहले उसकी मां को थप्पड़ मारे, फिर उस पर और उसके भाई पर हाथ उठाया। इस मारपीट ने पूरे बस स्टैंड पर हंगामा खड़ा कर दिया।
पुलिस की निष्क्रियता ने बढ़ाया गुस्सा
प्रियंका ने इस घटना की शिकायत तुरंत कल्लर खेड़ा पुलिस चौकी में दर्ज कराई। लेकिन तीन दिन बाद भी पुलिस ने न तो चालक और न ही कंडक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई की। प्रियंका का कहना है कि वह और उसका परिवार डर के साए में जी रहा है, लेकिन पुलिस की उदासीनता ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। इस निष्क्रियता से नाराज स्थानीय लोगों ने अब सख्त कदम उठाने की ठान ली है। प्रियंका ने बताया कि उसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी शिकायत भेजी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
गुमजाल में बसों का न रुकना पुरानी समस्या
प्रियंका ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि गुमजाल गांव के बस स्टैंड पर पंजाब रोडवेज की कोई भी बस नियमित रूप से नहीं रुकती। इससे गांव के गरीब और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार ग्रामीणों ने इस मुद्दे को परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर तक पहुंचाया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रियंका ने कहा, “हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर चालक और कंडक्टर मनमानी करते हैं। अगर बस रुकी होती, तो शायद यह घटना न होती।”
भाजपा ने उठाई आवाज, प्रदर्शन की चेतावनी
इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। भाजपा के पूर्व युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष शेषकरण बिश्नोई ने इस मामले को “पंजाब रोडवेज और सरकार की नाकामी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह घटना शर्मनाक है। एक महिला और उसकी बेटी के साथ मारपीट करने वालों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए।” बिश्नोई ने चेतावनी दी कि अगर चालक और कंडक्टर के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई, तो वह अबोहर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला अब उनकी सुरक्षा और सम्मान का सवाल बन गया है।
जनता में उबाल, सोशल मीडिया पर भी गुस्सा
यह खबर जैसे ही अबोहर और आसपास के इलाकों में फैली, लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सोशल मीडिया पर लोग पंजाब रोडवेज और पुलिस की निष्क्रियता की तीखी आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “महिलाओं के साथ ऐसी बदतमीजी और पुलिस चुप? क्या यही है पंजाब का कानून?” कई लोगों ने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर से इस मामले में दखल देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसी घटनाएं बिना सजा के रहेंगी, तो आम आदमी का भरोसा सिस्टम से उठ जाएगा।
क्या होगा अब?
यह घटना अब केवल एक मारपीट का मामला नहीं रह गया है। यह पंजाब रोडवेज की कार्यप्रणाली, पुलिस की जवाबदेही और ग्रामीण इलाकों में बस सेवाओं की बदहाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक गरीब और मजबूर लोग ऐसी मनमानी का शिकार बनते रहेंगे? क्या प्रियंका और उसके परिवार को इंसाफ मिलेगा? और क्या गुमजाल जैसे गांवों में बसों का रुकना शुरू होगा? ये सवाल अब हर किसी के जेहन में हैं।