हिमाचल: नशा मुक्ति केंद्र भेजकर भी नहीं छूट रहा नशा, अभिभावक बोले - जेल में ही रहें तो अच्छा

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के कई युवा नशे के दलदल में इस कद्र धंस चुके हैं कि अब उन्हें इस दलदल से बाहर निकालना भी मुश्किल हो गया है। इन युवाओं के अभिभावक लाखों रुपए खर्च कर अपने बच्चों को नशा मुक्ति केंद्र भेज रहे हैं, ताकि उनका बेटा नशे से बाहर आ सके, लेकिन नशा मुक्ति केंद्र में जाकर भी युवा नशे की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं। इसका खुलासा अभी हाल ही में शिमला शहर में चिट्टे के साथ पकड़े गए युवक के परिजनों ने किया है।

सात बार नशा मुक्ति केंद्र भेज कर भी नहीं छूटी लत

इस युवक के परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे की नशे की लत को छुड़वाने के लिए उसे सात बार नशा मुक्ति केंद्र में भेजा। लेकिन वह फिर भी नशा नहीं छोड़ पाया। परिजन इस कद्र मजबूर हो गए हैं कि सलाखों के पीछे बैठे बेटे की अब वह जमानत भी नहीं दे पा रहे हैं। उनका कहना है कि बाहर आकर उनका बेटा फिर से नशा करने लगेगा। यह किसी एक युवक की कहानी नहीं है। चिट्टे की लत में फंसे कई युवाओं के परिजन आज अपने आप को बेबस समझ रहे हैं।

मनोरोग विशेषज्ञ ना होना मानी जा रही वजह

अभिभावकों का कहना है कि जिला में निजी क्षेत्र में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों में नशे के आदी युवाओं के उपचार के लिए मनोरोग विशेषज्ञ की उपलब्धता ना के बराबर है। नियमों के अनुसार हर माह केंद्र में मनोरोग विशेषज्ञ का निरीक्षण करवाना होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। एडीसी शिमला की अध्यक्षता में बनाई कमेटी ने भी इस बात का खुलासा किया था।

नशे की लत में अपराधी बन रहे युवा

कुछ समय पहले नशा खरीदने के लिए ठगी करने के आरोप में पकड़े गए युवक के मामले में भी यही बात सामने आई थी। इस युवक के परिजनांे ने भी बताया था कि उन्होंने अपने बेटे को कई बार नशा मुक्ति केंद्र भेजा, लेकिन वह फिर भी नशे की लत को नहीं छोड़ पाया। इसी चिट्टे की लत में पड़कर अब युवा वर्ग अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है।

शौक में शुरू कर रहे नशा बन रही आदत

राजधानी शिमला में पिछले दिनों पकड़े गए कई युवाओं के मामले में यही बात सामने आई थी। यह युवा पहले अपने दोस्तों के साथ शौक के रूप में चिट्टा लेते हैं और बाद में उन्हें इसकी आदत लग जाती है। पिछले दिनों चोरी और ठगी के मामलों में पकड़े गए अधिकतर नशे के आदी आरोपी हैं। इसी तरह से दो दिन पहले आईजीएमसी में सीबीआई अधिकारी बन कर बुजुर्ग को लूटने वाला शख्स भी चिट्टे का आदी था।

एसपी शिमला संजीव गांधी ने लोगों से अपील की है कि चिट्टे का नशा युवाओं को अपराध की तरफ धकेल रहा है। ऐसे में परिजन अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और अगर वह नशे की लत में फंस जाते हैं तो उनका उपचार करवाएं। नशे के लिए युवा चोरी, लूटपाट जैसी घटनाओं और नशे की तस्करी जैसे आपराधिक कृत्यों में संलिप्त हो रहे हैं। जिस पर अभिभावक ध्यान दें।

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