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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने नए वित्तीय वर्ष के लिए शराब ठेकों की नीलामी के टैंडर आमंत्रित कर दिए हैं। यह नीलामी प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो चुकी है और 21 मार्च तक जारी रहेगी। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त डा. यूनुस की ओर से नीलामी की तारीख तय करते हुए इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। इस नीलामी में विभिन्न जिलों के शराब ठेकों के लिए आवेदन और नीलामी की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।
नीलामी का शेड्यूल
नीलामी प्रक्रिया के लिए विभिन्न जिलों के लिए अलग-अलग तारीखें निर्धारित की गई हैं:
17 मार्च तक: नूरपुर, किन्नौर, हमीरपुर और सिरमौर जिलों के लिए आवेदन
18 मार्च: कांगड़ा, ऊना, कुल्लू, लाहौल और पांगी क्षेत्रों के लिए आवेदन, और नीलामी प्रक्रिया 19 मार्च को होगी।
19 मार्च: चंबा, मंडी और सोलन जिलों के लिए आवेदन, और नीलामी 20 मार्च को होगी।
20 मार्च तक: शिमला, बीबीएन बद्दी और बिलासपुर जिलों के लिए आवेदन, और नीलामी 21 मार्च को सुबह 11.30 बजे से शुरू होगी।
टैंडर फीस और शर्तें
नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कुछ शुल्क निर्धारित किए गए हैं:
6 करोड़ से अधिक के लाइसेंस के लिए: 50 हजार रुपए
6 करोड़ से 8 करोड़ तक के लाइसेंस के लिए: 1 लाख रुपए
8 करोड़ और इससे अधिक के लाइसेंस के लिए: 2 लाख रुपए
देसी शराब के लिए: 25 हजार रुपए
यह शुल्क टैंडर फीस के रूप में जमा करनी होगी जोकि गैर-रिफंडेबल है। नियमों के अनुसार एक ठेकेदार एक ही ठेके के लिए एक से अधिक आवेदन नहीं कर सकता।
150 करोड़ रुपए के मुनाफे का लक्ष्य
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस बार शराब ठेकों की नीलामी से 150 करोड़ रुपए का मुनाफा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल शराब ठेकों की नीलामी से 2,700 करोड़ रुपए का राजस्व हुआ था, जबकि इस बार 2,850 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नई आबकारी नीति और बदलाव
बीजेपी शासन के दौरान शराब ठेकों की नीलामी में 10 प्रतिशत वृद्धि होती रही, लेकिन कांग्रेस ने इस बार नई आबकारी नीति के तहत बदलाव किए हैं। इसके तहत नीलामी प्रक्रिया और शुल्क में परिवर्तन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त करना है।
शराब ठेकों की संख्या
राज्य में कुल 2,100 शराब ठेके हैं, और इन ठेकों की नीलामी प्रक्रिया में विभिन्न जिलों के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य शराब व्यापार को नियमित करना और सरकार के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न करना है।