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शिमला। मंडी के एसडीएम पर माइनिंग माफिया के हमले के बाद हिमाचल प्रदेश के एचएएस अफसरों में खौफ बैठ गया है। अब अधिकारी संघ ने सुक्खू सरकार से अपनी सुरक्षा के लिए पीएसओ की मांग रखी है। मंडी के एसडीएम ओमकांत ठाकुर पर माइनिंग माफिया का हमला पूरे राज्य में सरकार के जमीनी अमले की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। इससे पहले भी ऊना और हमीरपुर में सरकारी अफसरों पर माइनिंग माफिया के हमले हो चुके हैं। उस समय भी सुक्खू सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी।
अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है
मंगलवार को जारी एक बयान में राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ के प्रवक्ता ने कहा कि मंडी की घटना राज्य में गुंडा तत्वों के बढ़ते प्रभाव को दिखाती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार सरकारों को अधिकारियों की सुरक्षा के लिए पीएसओ उपलब्ध कराने की मांग की गई है। जवाब में सरकारों ने अधिसूचना जारी कर जमीनी अधिकारियों की मांग पूरी भी की है।
अफसरों पर हमले करने से भी नहीं डर रहे माफिया
बयान में कहा गया है कि अब तो माइनिंग माफिया के हौसले इस कदर बुलंद है कि वे अफसरों पर जानलेवा हमला करने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। संघ ने सरकार के जमीनी अफसरों की जान पर बढ़ते जोखिम को देखते हुए पीएसओ की मांग रखी है।
किस किस के लिए मांगे पीएसओ
यह मांग एसडीएम, एडीएम और एडीसी जैसे अधिकारियों के लिए की गई है, जिन्हें नियम-कानून के जमीनी अमल का जिम्मा उठाना पड़ता है और इस दौरान कई बार वे अपराधियों और माफिया के सीधे निशाने पर आ जाते हैं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ ने सरकार से इस मांग पर जल्द से जल्द विचार करने को कहा है।
बता दें कि बीते रोज सोमवार की शाम आईएएस अधिकारी और एसडीएम मंडी ओमकांत ठाकुर अवैध खनन माफिया पर कार्रवाई करने के लिए निकले थे। वह शाम सात बजे के करीब ब्यास नदी के तट पर विंद्रावणी क्षेत्र में अवैध खनन रोकने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वहां पर कुछ अवैध खनन माफिया ने उन पर हमला कर दिया। एक माफिया ने उन्हें मुक्का मारा, जिससे उनका दांत भी तोड़ दिया। इसके अलावा खनन माफिया ने उन पर पथराव भी किया।
इस हमले के बाद पूरे हिमाचल में इस बात की चर्चा हो रही है। हालांकि पुलिस ने बाद में एक खनन माफिया को हिरासत में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। लेकिन इस घटना के बाद अब अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा की भी मांग उठा दी है।