बिलासपुर : प्रदेश के दूसरे स्पेस लैब का मंत्री राजेश धर्माणी ने किया उद्घाटन, पांच और स्पेस लैब स्थापित करने की योजना

News Updates Network
0
न्यूज अपडेट्स 
बिलासपुर। प्रदेश सरकार में नगर नियोजक आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने मंगलवार को प्रदेश के दूसरे स्पेस लैब और जिला के पहले एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग क्लासरूम का उद्घाटन बॉयज स्कूल, बिलासपुर में किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह स्पेस लैब बिलासपुर के शिक्षा सुधार अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विद्यार्थियों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) के प्रति रुचि जगाने के लिए स्थापित की गई है।

उन्होंने कहा कि इस स्पेस लैब में ड्रोन, 3डी प्रिंटर, टेलिस्कोप और इसरो मिशन के मॉडल उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स और एयरोस्पेस तकनीक में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेंगे। छात्रों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे विषयों की गहन जानकारी दी जाएगी, जो वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस लैब को आसपास के सभी स्कूलों के बच्चे जाकर देख सकेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति अपनी रुचि को बढ़ा सकेंगे।

मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि स्पेस लैब की स्थापना के लिए एचडीएफसी बैंक ने सीएसआर फंड के माध्यम से 12 लाख रुपये का व्यय किया। बिलासपुर में पहला स्पेस लैब स्थापित हो चुका है और जिले में पांच और स्पेस लैब स्थापित करने की योजना है। ये प्रयोगशालाएं विज्ञान शिक्षा के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेंगी। इसके अतिरिक्त, इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर, अहमदाबाद में शैक्षिक यात्राएं भी आयोजित की जा रही हैं। अब तक 10 छात्रों को भेजा जा चुका है, और 50 और छात्रों को भेजने की तैयारी चल रही है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला बिलासपुर में नए नवाचार कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को सम्मानित किया और जमकर तारीफ की।

इस अवसर पर मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला बिलासपुर के पहले एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग (एबीएल) क्लासरूम का उद्घाटन भी किया। उन्होंने बताया कि उपायुक्त बिलासपुर ने इस स्कूल को गोद लिया है और स्कूल में पहले एक्टिविटी बेस लर्निंग क्लासरूम को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि एबीएल शिक्षा पद्धति पारंपरिक रटने की प्रक्रिया से हटकर इंटरएक्टिव और वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित है। इसमें शिक्षक केवल मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और समूह चर्चा, विज्ञान प्रयोगों और रचनात्मक परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को सक्रिय रूप से शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करते हैं।

मंत्री ने कहा कि इस पहल को सफल बनाने के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण अनिवार्य है। शिक्षकों को कक्षा प्रबंधन, तकनीकी शिक्षा, और एबीएल एवं स्पेस लैब्स जैसे नवाचारों के एकीकरण के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मंत्री ने एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड अंकज शर्मा, ब्रांच मैनेजर पंकज गुलरिया, और एरिया हेड रितेश शर्मा को सम्मानित किया।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Agree) #days=(20)

हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
Ok, Go it!
To Top