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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य को केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद में लगातार कमी हो रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा कम कर दी है, साथ ही रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) में भी लगातार कमी हो रही है। इसके अलावा, NPS (नई पेंशन स्कीम) के बदले मिलने वाला ऋण भी अब बंद कर दिया गया है। इन सभी मुद्दों को सीएम दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाएंगे।
27 और 28 दिसंबर केंद्रीय मंत्रियों से करेंगे मुलाकात
सीएम सुक्खू ने कहा कि वे दिल्ली में 27 और 28 दिसंबर को केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने जा रहे हैं। जिसके बाद वे प्रदेश की स्थिति को भी मंत्रियों के सामने रखेंगे। बता दें कि इससे पहले सीएम सुक्खू, प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री बेंगलुरु में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग में भाग लेंगे। सीएम वहां से लौटने के बाद केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का समय तय करेंगे।
संघीय ढांचे में केंद्र से मदद पाना हमारा हक: सीएम
वहीं, सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र से मिलने वाली सहायता राज्य के अधिकार में है, क्योंकि राज्य संघीय ढांचे का हिस्सा है। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल सकते हैं और हिमाचल प्रदेश को पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) के तहत लंबित राशि का वितरण करने की मांग करेंगे। इसके अलावा, वह जीएसटी मुआवजा और RDG बढ़ाने की मांग भी करेंगे।
केंद्र ने RDG और ऋण सीमा में की कटौती
सीएम सुक्खू ने स्थिति को साफ करते हुए बताया कि 14वें वित्त आयोग में हिमाचल प्रदेश को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) के तहत 40,624 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 15वें वित्त आयोग में यह राशि घटकर 37,199 करोड़ रुपये रह गई। 2021-22 में हिमाचल को RDG के तहत 10,249 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 2025-26 तक यह राशि घटकर केवल 3,257 करोड़ रुपये रह जाएगी।
GST प्रतिपूर्ति और अन्य केंद्रीय मदद भी हुई बंद
इसके अलावा, सीएम सुक्खू ने बताया कि हिमाचल को 2017 से 2022 तक GST प्रतिपूर्ति के रूप में हर साल 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये मिल रहे थे, लेकिन जुलाई 2022 से यह राशि भी बंद कर दी गई है। एनपीएस के बदले मिलने वाला 1,760 करोड़ रुपये का लोन भी अब बंद कर दिया गया है।
केंद्रीय योजनाओं में भी कटौती
सीएम सुक्खू ने यह भी बताया कि केंद्रीय योजनाओं के बजट में भी कटौती की गई है। हाल ही में, केंद्र ने स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3,296 करोड़ रुपये जारी किए हैं, लेकिन पर्यटन राज्य हिमाचल प्रदेश को इस स्कीम में एक भी रुपया नहीं मिला।
आपदा राहत में भी मिली सीमित मदद
सुक्खू ने राज्य में पिछले साल आई सदी की सबसे भीषण आपदा का जिक्र किया, जिसमें 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। हालांकि, केंद्र से आपदा राहत के रूप में राज्य को वही राशि मिली, जो NDRF (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड) के तहत मिलनी तय थी, जबकि राज्य सरकार को अतिरिक्त मदद की उम्मीद थी।
केंद्र से राहत ना मिलने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी
CM सुक्खू ने विधानसभा में भी यह कहा था कि अगर केंद्र से आपदा राहत की राशि नहीं मिलती है, तो राज्य सरकार को मजबूरन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है।