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शिमला। आखिरकार बिजली विभाग में लगे 81 ऑउससोर्स ड्राइवरो की सवाएं समाप्त हो गई हैं. निजी कंपनी की तरफ से इन चालकों के टर्मिनेशन के आदेश जार कर दिए गए हैं. बड़ी बात है कि 5 सालों में लाखों रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई सुखविंदर सिंह सरकार अब सवाल उठ रहे हैं।
बिजली बोर्ड के 10-12 साल से आउटसोर्स पर 81 चालक लगे हुए थे और उन्हें टर्मिनेशन नोटिस मिल गया है. जिन कंपनियों की ओर से इन्हें आउटसोर्स पर रखा गया था, उन्होंने ये नोटिस 31 अक्तूबर को तैयार कर दिए थे, लेकिन अधिकांश चालकों को ये नोटिस सोमवार को मिले।
उधर, बिजली बोर्ड कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की सरकार की ओर से बोर्ड के मसलों को सुलझाने के लिए बठित की गई उप मंत्रिमंडल की समिति के साथ बैठक जरूर हुई थी, लेकिन इन चालकों को लेकर उस समिति ने कुछ नहीं किया. इस समिति के अध्यक्ष मंत्री राजेश धर्माणी बनाए गए हैं. अब इन चालकों के पक्ष में प्रदेश कर्मचारी संयुक्त महासंघ उतर गया है और पांच नवंबर को इन चालकों को आगे की रणनीति बनाने के लिए बिजली बोर्ड के मुख्यालय बुलाया गया है।
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की तरफ से इस संबंध में एक लेटर जारी हुआ था. इस लेटर में कंडम गाड़ियों को हटाने का हवाला देते हुए इन चालकों पर गाज गिरी थी. आदेश में कहा गया था कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को बिजली विभाग हटा रहा है और ऐसे में अब 81 चालकों की भी विभाग को जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि सुक्खू सरकार पर इस मामले में बड़े सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, अब तक सरकार की तरफ से इस मामले में चुप्पी साधी हुई है।