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Life Certificate: अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पेंशनभोगियों को किसी भी प्रकार के कागज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। अब पेंशनर घर पर आसानी से अपना जीवन प्रमाण पत्र बनवा सकेंगे। डाकिया घर पर ही पेंशनरों के चेहरे और उंगुलियों को स्कैन कर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाएगा।
पेंशनर को महज आधार संख्या और पेंशन का विवरण देना होगा। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) ने पेंशनभोगी कल्याण विभाग के साथ समझौता किया है। समझौते के तहत एक से 30 नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
डिजिटल प्रमाण पत्र के लिए लगेगा 70 रुपये शुल्क
पेंशनभोगी नजदीकी डाकघर या नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क करेंगे। डाक सेवक पेंशनभोगी के पते पर जाकर घर में ही उनका डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाएंगे। डाकिया डीएलसी जनरेशन के लिए जीएसटी सहित 70 रुपये का शुल्क लेगा। डीएलसी के लिए पेंशनभोगी को केवल आधार संख्या और पेंशन का विवरण देना होगा। प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी होने पर पेंशनभोगी को उसके मोबाइल नंबर पर सत्यापन एसएमएस प्राप्त होगा और प्रमाणपत्र को एक दिन बाद संबंधित पोर्टल पर ऑनलाइन देखा जा सकता है।
दफ्तर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी जरूरत
आईपीपीबी ने पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के समन्वय से सभी केंद्रीय, राज्य और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण बनवाने के लिए 2020 में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) की डोरस्टेप सेवा शुरू की थी। आधार सक्षम बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आधारित यह सेवा वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए बहुत उपयोगी है। उन्हें पेंशन वितरण एजेंसी के कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
‘समझौते से फायदा’
डाक मंडल हमीरपुर के उप अधीक्षक संजय कुमार ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने पेंशनभोगी कल्याण विभाग से समझौता किया है। इस समझौते के अंतर्गत डाकिया पेंशनभोगी को डोरस्टेप सेवा प्रदान कर उनका डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाएंगे।